Signs Of Heart Attack: लोगों को जब भी सीने में दर्द होता है, तो वो उसे गैस या एसिडिटी समझ कर घरेलू उपचार या फिर कोई भी दवाई खा लेते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि हाल ही भारत में कई ऐसे मामलें आए हैं, जिनमें लोगों ने सीने में उठ रहे दर्द को एसिडिटी समझकर इग्नोर कर दिया, लेकिन बाद में पता चला कि वो दर्द एसिडिटी का नहीं बल्कि हार्ट अटैक का था।
दरअसल, काफी लोग हार्ट अटैक और गैस के दर्द में अंतर नहीं कर पाते हैं। इस कारण बहुत से लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा हैं। अगर आपके भी छाती में दर्द होता है और आप भी गैस के दर्द और हार्ट अटैक के दर्द का अंतर नहीं पता कर पाते हैं, तो यह खबर आपके लिए ही है। इस आर्टिकल में हम आपको सीने में होने वाला दर्द एसिडिटी का है या फिर हार्ट अटैक का ये कैसे पता करना हैं, ये बताएंगे।
गैस में होने वाला दर्द?
गैस में होने वाले दर्द को हार्टबर्न कहा जाता है। लेकिन, इसमें खास बात यह है कि इस दर्द का हार्ट से कोई लेना देना नहीं होता है। गैस पेट में हो रही किसी समस्या के कारण होता है। गैस एसिडिटी या हाइपरएसिडिटी की वजह से होता है। दरअसल, खाने को पचाने के लिए शरीर में कुछ एसिड निकलते हैं और जब यह एसिड ज्यादा निकलते हैं तो पेट की मांसपेशियों में दिक्कत होती है और उससे सीने में दर्द होने लगता है।
हार्ट अटैक में होने वाला दर्द?
हार्ट अटैक वाला दर्द आपको तब होता है, जब आपके सीने में कोई दिक्कत होतो है। हमारा हार्ट एक पंप की तरह कार्य करता है और शरीर में खून पंप करता है। खून का हमारे शरीर के हर हिस्से तक पहुंचना बेदह आवश्यक है। ऐसे में हार्ट को काम करने के लिए भी खून आदि की जरूरतत होती है और ये काम कई धमनियां करती हैं। कई बार हार्ट की धमनियों में रुकावट की वजह से हार्ट की मांसपेशियों को पर्याप्त खून नहीं मिल पाता है और इस कारण एनजाइना या सीने में दर्द होने लगता है।
गैस में होने वाले दर्द के लक्षण
इस दर्द में सीने में जलन होती है और डिसकम्फर्ट होने लगता है। यह जलन सेंट्रल या अपर चेस्ट में होता है। ज्यादातर लोगों को यह समस्या खाने के तुरंत बाद या खाली पेट रहने पर होती है। इससे बचने के लिए यह आवश्यक है कि आप लगातार खाते रहें और रिस्क फैक्टर्स का ध्यान रखें।
हार्ट अटैक में होने वाले दर्द के लक्षण
यह दर्द सीने के बाईं तरफ होता है और सीने में डिस्कम्फर्ट होता है। इस वजह से बाएं कंधे और बांएं हाथ के बाजू में भी दर्द होने लगता है। इस दर्द में मरीज को सांस लेने में परेशानी होती है और बहुत पसीने आने लगते हैं। इससे बचने के लिए जरूरी हैं कि आप समय समय पर अपने हार्ट की जांच करवाएं और रिस्क फैक्टर्स पर ध्यान दें।
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