Waqf Bill in Supreme Court: वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर 15 अप्रैल को सुनवाई हो सकती है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि जमीयत उलेमा-ए-हिंद और अन्य संगठनों की ओर से दाखिल याचिकाएं अहम हैं और इन्हें किसी भी कीमत पर प्राथमिकता देनी चाहिए।
वक्फ कानून के खिलाफ कई याचिकाएं दायर
वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 6 से ज्यादा याचिकाएं दायर की गई हैं, जिन पर जल्द से जल्द सुनवाई की मांग की गई थी। कोर्ट ने वक्फ कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली इन याचिकाओं पर सुनवाई की सहमति दी थी।
जेडीयू के मुस्लिम नेता भी वक्फ बिल के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
जेडीयू के मुस्लिम नेता हाजी मोहम्मद परवेज़ सिद्दिकी ने भी वक्फ संशोधन एक्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाजी मोहम्मद परवेज़ सिद्दिकी राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आरक्षण मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
याचिकाओं में क्या-क्या सवाल उठाए गए हैं?
सुप्रीम कोर्ट में दायर इन याचिकाओं में याचिकाकर्ताओं ने धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन का तर्क देते हुए कहा है कि यह विधेयक धार्मिक मामलों के प्रबंधन में स्वतंत्रता को प्रभावित करता है, जो संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत अल्पसंख्यक समुदायों को दी गई है।
वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान
खासकर, वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान और सरकार को वक्फ संपत्तियों पर अधिक नियंत्रण देने की व्यवस्था को मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप माना जा रहा है।
विधेयक में वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण
विधेयक में वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण और प्रबंधन के लिए सरकारी हस्तक्षेप को बढ़ाने के प्रावधानों को संपत्ति के अधिकार के उल्लंघन के रूप में देखा जा रहा है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह वक्फ बोर्ड की स्वायत्तता को कम करता है और संपत्तियों पर समुदाय के नियंत्रण को खतरे में डालता है।
कुछ याचिकाओं में उठाया गया है यह सवाल
कुछ याचिकाओं में यह सवाल उठाया गया है कि यह विधेयक अल्पसंख्यक समुदाय की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को कमजोर करता है, जो संविधान के तहत संरक्षित है। विधेयक में जिला कलेक्टर जैसे सरकारी अधिकारियों को वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण और विवादों को निपटाने का अधिकार देना भी विवाद का कारण बना है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी
बता दें संसद के दोनों सदनों से बजट सत्र में पारित वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को शनिवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिल गई। इस संबंध में गजट अधिसूचना जारी होने के साथ ही वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम भी बदलकर यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट, इम्पावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट (उम्मीद) अधिनियम, 1995 हो गया है।