Breastfeeding: नवजात शिशु के लिए मां का दूध अमृत समान होता है। कम से कम एक साल तक के बच्चों को केवल मां का दूध ही पिलाना चाहिए। जो औरतें नई-नई मां बनती है, वों अच्छी तरह से जानती हैं कि ब्रेस्टफीडिंग उनके बच्चे और उनके लिए कितना महत्वपूर्ण हैं। ब्रेस्टफीडिंग से बेबी में डायबिटीज, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इशू और अस्थमा का रिस्क काफी हद तक कम हो जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक चीज है, जो ब्रेस्टफीडिंग के वक्त आपके और बेबी के बीच बन रहे संबंधों को खराब कर रही है? हम बात कर रहे ब्रेक्सटिंग की।
बहुत कम लोग ब्रेक्सटिंग शब्द का मतलब जानते होंगे, लेकिन यह छोटा सा शब्द महिलाओं द्वारा बच्चे को दूध पिलाने के तरीके पर कई सवाल खड़े कर रहा है। गायनाकोलॉजिस्ट के अनुसार, महिलाएं न्यूबॉर्न बेबी को ब्रेस्टफीडिंग कराते समय मोबाइल फोन पर बात करने और टेक्स्ट करने में व्यस्त रहती हैं। ऐसा करने से महिलाओं का पूरा ध्यान उनके बच्चे की तरफ नहीं जाता और बच्चे को इससे नुकसान होता है।
क्या होता है ब्रेक्सटिंग?
ब्रेस्टफीडिंग करते समय मां का फोन पर व्यस्त होना ही ब्रेक्सटिंग कहलाता है। महिलाएं इस दौरान चैटिंग और मैसेजिंग करने में इतना बिजी हो जाती हैं कि वो बच्चे की प्रॉपर लैचिंग भी नहीं समझ पाती, इस कारण वो बच्चे को प्रॉपर फीड नहीं करातीं और उनका बच्चे के साथ स्किन और आई कॉन्टेक्ट भी नहीं हो पाता। ब्रेक्सटिंग के कारण वो भूल जाती हैं कि बच्चे को कितनी देर पहले दूध पिलाया गया था। इसलिए डाक्टर्स यह सलाह देते हैं कि मां को बच्चे को दूध पिलाते समय किसी और चीज पर ध्यान नहीं देना चाहिए।
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