केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने साल 2024 के 12वीं कक्षा के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इन नतीजों में 87.98 प्रतिशत छात्र पास हुए हैं। हर बार की तरह इस बार भी लड़कियों ने बोर्ड परीक्षा में लड़को को पछाड़कर साबित कर दिया है कि वह किसी से कम नहीं हैं। इसके साथ ही यह जंग भी छिड़ गई है कि क्या लड़कियों का दिमाग लड़कों की अपेक्षा अधिक तेज होता हैं। आइए जानते हैं कि क्या यह तथ्य सच है?
इस मुद्दे पर लंबे समय से बहस चली आ रही है कि स्त्री और पुरुष में से किसका दिमाग ज्यादा शार्प होता है, कई शोधकर्ताओं ने इस पर अध्ययन कर ये जानने का प्रयास भी किया है कि महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में कैसे अलग है। न्यूरोसाइंस के मुताबिक, महिला और पुरुष के दिमाग के साइज में हल्का अंतर पाया गया। जेंडर के आधार पर दिमाग के बीच के अंतर को समझने के लिए कैलिफोर्निया के आमेन क्लिनिक्स ने एक रिसर्च की, जिसमें पाया गया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का दिमाग ज्यादा एक्टिव है।
कैलिफोर्निया के आमेन क्लिनिक्स द्वारा की गई रिसर्च में पता चला कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के दिमाग के कुछ हिस्सों में खून का फ्लो काफी हाई होता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि यही महिलाओं की बेहतर एकाग्रता का कारण हो सकता है, लेकिन वहीं खून के इस तेज फ्लो के कारण महिलाओं में घबराहट जैसे लक्षण भी देखे जाते हैं।
पुरुषों का दिमाग किसी भी काम को करने के लिए करीब 7 गुना ज्यादा ग्रे मैटर का इस्तेमाल करता है। वहीं, महिलाओं के दिमाग की बात की जाए तो महिलाओं का दिमाग किसी भी काम को करने के लिए 10 गुना ज्यादा व्हाइट मैटर का इस्तेमाल करता है। ये मैटर दिमाग के एक खास एरिया में इंफोर्मेशन और एक्शन प्रोसेसिंग सेंटर हैं। इसी वजह से लड़कियां लड़कों की तुलना में काम के बीच ज्यादा तेजी से बदलाव करती हैं। आसान शब्दों में कहा जाए तो महिलाएं मल्टी-टास्कर होती हैं, जबकि पुरुष बहुत ज्यादा वर्क-फोकस प्रोजेक्ट में बेहतर होते हैं।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं का दिमाग ज्यादा सक्रिय क्यों होता है?
महिलाओं का दिमाग पुरुषों की तुलना में काफी ज्यादा सक्रिय पाया गया है, खासतौर पर दो क्षेत्रों में – फोकस और आवेग नियंत्रण से जुड़े प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स और लिम्बिक सिस्टम जो मनोदशा और चिंता के साथ जुड़ा हुआ होता है।
पुरुषों की तुलना में, स्वस्थ महिलाओं के दिमाग में कोई खास बदलाव नहीं होता है (पी <0.01) पर ROI (Region of Interest) 65 बेसलाइन और 48 एकाग्रता वाले क्षेत्रों (पी <0.01 सही) में बढ़ा हुआ होता है। इसी वजह से महिलाएं अधिकतर काम को एकाग्रता और इंट्रेस्ट के साथ करती हैं।
रिसर्च से यह पता चला कि महिला या पुरुष के दिमाग में कोई खास फर्क नहीं है। दोनों के दिमाग के काम करने में जेंडर से कोई फर्क नहीं पड़ता। हालांकि यह भी स्पष्ट नहीं हो पाया है कि लड़कियां पढ़ने के लिए न्यूरोलॉजिकल रूप से बेहतर हैं। लड़कियां लड़कों की तुलना में ज्यादा पढ़ती हैं और यह एक्स्ट्रा एक्सपीरियंस उनके एकेडमिक परफॉर्मेंस में अंतर लाता है, जो समय के साथ बढ़ता है। इसी कारण साल दर साल लड़कियां लड़को को शिक्षा के क्षेत्र में पछाड़ रही हैं।