Hathras Incident: कासगंज में सत्संग के बाद मची भगदड़ में 123 लोगों की मौत के बाद अब भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि ने कासगंज आश्रम छोड़ दिया है। 2 जुलाई को हुए इस हादसे के बाद अब वो ग्वालियर स्थित आश्रम में रहने चले गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कासगंज में दिन भर रुकने के बाद भोले बाबा अपने वकील एपी सिंह के साथ बुधवार को ग्वालियर निकल गए थे। इसके पीछे की वजह कासगंज में उनकी मौजूदगी के कारण भक्तों की भीड़ है।
बता दें, इससे पहले हाथरस हादसे में स्वयंभू संत नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने कहा था कि वो इस घटना के बाद से बेहद ही परेशान हैं। लेकिन होनी को कोई नहीं टाल सकता है, जो इस धरती पर आया है, उसे जाना ही है, भले ही आगे पीछे हो।
Hathras Incident: कोई न कोई साजिश हुई है- बाबा
भोले बाबा ने अपने वकील एसपी सिंह के उस दावे को भी सच बताया, जिसमें उन्होंने कहा था कि सत्संग में जहरीले स्प्रे का छिड़काव किया गया था। बाबा ने कहा कि ”प्रत्यक्षदर्शियों ने विषैले स्प्रे के बारे बताया है। वो सत्य है। कोई न कोई साजिश हुई है। लोग बदनाम करने में लगे हुए हैं। लेकिन हमें इस मामले की जांच कर रही एसआईटी पर भरोसा है।”
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर बड़ा हादसा, 5 की मौत; 1 की हालत गंभीर
जानें क्या है पूरा मामला
बता दें, हाथरस में 2 जुलाई को नारायण साकार विश्व हरि (Narayan Saakar Hari) उर्फ भोले बाबा का सत्संग कार्यक्रम आयोजित हुआ था। एक तो दोपहर में उमस भरी बहुत तेज गर्मी और ऊपर से सत्संग स्थल पर क्षमता के कई गुना भक्त इकट्ठा हो चुके थे, जिस कारण भोले बाबा ने अपना प्रवचन भी छोटा कर दिया था।
दोपहर 12.30 बजे अपना प्रवचन शुरु किया था और ठीक 1.30 बजे प्रवचन समाप्त भी कर दिया। उस दौरान सब कुछ ठीक था। बाबा ने ऐलान किया कि अब भक्त उनके चरणों की धूल ले सकते हैं। जिसके बाद 2.5 लाख का हुजूम खड़ा हो गया और सत्संग कार्यक्रम में भगदड़ मच गई। इसके चलते 123 लोगों की मौत हो गई (Hathras Incident)।
‘पांच दिन के अंदर बम से उड़ा दूंगा’, फेमस होने के लिए छात्र ने उठाया ये बड़ा