Water crisis: यूपी के गाजियाबाद और नोएडा में भीषण गर्मी पड़ रही है। इस बीच यहां रहने वाले लोग पानी की कमी से भी जूझ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यहां के लोगों को प्रतिदिन 407 मिलियन लीटर पानी की जरूरत होती है, लेकिन बढ़ती गर्मी को देखते हुए लोगों को 480 मिलियन लीटर पानी दिया जा रहा है। इसके बावजूद,कई लोग निजी टैंकरों से पानी खरीदने के लिए मजबूर हैं, जबकि गाजियाबाद के कई शहरों में पीने योग्य पानी की कमी, खराब पानी की गुणवत्ता और बढ़ती गर्मी के कारण लोगों को पानी की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम के अनुसार, प्रतिदिन 25 मिलियन लीटर की कमी देखी जा रही है। इसका मुख्य कारण शहर की बढ़ती आबादी को बताया गया है।
साल 2019 में नीति आयोग ने दी थी चेतावनी
आपको बता दें, साल 2019 में नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में चेतावनी दी थी कि गाजियाबाद सहित भारत के 21 शहरों में कुछ वर्षों के भीतर भूजल की आपूर्ति में कमी हो सकती है, जिससे करीब 100 मिलियन (10 करोड़) लोग प्रभावित हो जाएंगे।
निवेश के केंद्र हैं नोएडा और गाजियाबाद
नोएडा और गाजियाबाद को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने एक आकर्षक निवेश का केंद्र बना दिया है, जिससे जनसंख्या में काफी वृद्धि हुई है। साल 2011 में यहां की अनुमानित जनसंख्या 16.5 लाख थी, जिसके साल 2024 तक दोगुनी होने के अनुमान लगाए गए हैं। इस बढ़ती आबादी ने भूजल संसाधनों और मौजूदा जल बुनियादी ढांचा, दोनों को काफी प्रभावित किया है। इसी वजह से दोनों शहरों में जल संकट देखा जा रहा है।
गौतमबुद्ध नगर के भूजल स्तर में सबसे ज्यादा गिरावट
हाल ही की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गौतमबुद्ध नगर के भूजल स्तर में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई है, जो 2002 में 30-40 मीटर से घटकर वर्तमान में 140 फीट हो गया है, जिसमें हर साल 11 से 12 फीट की कमी हो रही है। गाजियाबाद भूजल बोर्ड के आंकड़ों में बताया गया है कि 2017 से 2023 तक भूजल स्तर में औसतन 9.5 मीटर की गिरावट आई है।
वहीं, गिरते हुए भूजल को देखते हुए यहां के लोगों ने भूजल को गंगाजल से जोड़ने के लिए शिकायत की है। उन्हें नियमित रूप से पीने का पानी खरीदना पड़ता है। शहर के पुराने जल ढांचे में रिसाव से संकट और भी बढ़ जाता है।