श्री रामचरितमानस(रामायण) के रचनाकार महर्षि वाल्मीकि को हिन्दू धर्म में श्रेष्ठ गुरु माना गया है। शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी-चंद्रमा के साथ-साथ शरद पूर्णिमा पर महर्षि वाल्मीकि की जयंती मनाई जाती है। वाल्मीकि जी पहले डाकू थे लेकिन फिर एक घटना ने उनका जीवन ऐसा बदला कि उन्होंने भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित रामायण नामक महाकाव्य लिख दिया।
महर्षि वाल्मीकि का मूल नाम रत्नाकर था। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नारद मुनि के साथ हुई मुलाकात के बाद रत्नाकर का हृदय परिवर्तन हुआ और उन्होंने लूटपाट छोड़कर सत्कर्म का मार्ग चुना। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक रत्नाकर ने अपने पापों की क्षमा मांगने के लिए ब्रह्मा जी का कठोर तप किया। तपस्या में लीन रत्नाकर के शरीर पर दीमक की परत चढ़ गई। ब्रह्मा जी उनके तप से बेहद प्रसन्न हुए और उनका नाम वाल्मीकि रख दिया। ब्रह्माजी ने महर्षि वाल्मीकि को रामायण की रचना करने की प्रेरणा दी। इन्होंने रामायण संस्कृत में लिखी थी जिसे सबसे प्रचीन रामायण माना जाता है। इसमें 24,000 श्लोक हैं।
चित्रकूट जिले के लालापुर में बने रामायण के रचयिता आदिगुरु महर्षि वाल्मीकि आश्रम में परंपरागत तरीके से वाल्मीकि जयंती मनाई जायेगी। जिसको लेकर मंदिर के साध- संतो के द्वारा तैयारी तेज कर दी है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए साधु-संतों ने मुख्यमंत्री को भी आमंत्रण पत्र भेजा है। शनिवार को सुबह 10 बजे से महर्षि वाल्मीकि आश्रम में उनकी जयंती हर वर्ष की तरह धूमधाम से मनाई जायेगी। महर्षि वाल्मीकि जी के द्वारा इसी आश्रम की गुफा में बैठकर कठोर तप किया गया था और रामायण की रचना की गई थी। यह आश्रम प्रयागराज कर्वी के मुख्य रोड के लाला पुर गांव में घने जंगल के ऊपर पहाड़ में स्थित है। आज भी त्रेता युग के तमाम चिह्न आश्रम में मौजूद है। इसी स्थान में ही जंगल मे छोड़ देने पर माता सीता ने महर्षि बाल्मीक आश्रम में अपना समय व्यतीत किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाल्मिकी जयंती के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पीएम मोदी ने कहा “देशवासियों को वाल्मिकी जयंती की शुभकामनाएं। सामाजिक समानता और सद्भावना से जुड़े उनके अनमोल विचार आज भी भारतीय समाज को सींच रहे हैं। मानवता के अपने संदेशों के जरिए वह देश की अमूल्य धरोहर बने रहेंगे।” युगों-युगों से हमारी सभ्यता और संस्कृति।”
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक्स पर पोस्ट किया। अमित शाह ने महर्षि वाल्मिकी को याद करते हुए कहा कि ‘महान कवि’ ने रामायण की रचना करके भगवान श्री राम के जीवन को लोगों के दिलों में हमेशा के लिए जीवित कर दिया। “महान कवि महर्षि वाल्मिकी ने रामायण की रचना करके मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन को जन-जन के हृदय में सदैव जीवित रखने का महान कार्य किया। यह कालजयी कृति समाज को उनके द्वारा स्थापित आदर्शों से प्रेरित कर धर्म का मार्ग दिखा रही है। भगवान श्री राम। ऐसे महान कवि वाल्मिकी जी की जयंती पर सभी को शुभकामनाएं।”