Naxalism: भारत के होम मिनिस्टर और भाजपा लीडर अमित शाह ने वादा किया है कि देश से नक्सलवाद को जड़ से खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने ये बाद छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों द्वारा 29 माओवादियों के मारे जाने के बाद कही। मंगलवार को बीएसएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस ने जिन नक्सलियों को मारा, उनमें 15 महिलाएं भी शामिल थीं। ये मामला छत्तीसगढ़ के साउथ बस्तर का है जो बेहद नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।
नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
सरकारी सूत्रों के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को दो अलग-अलग स्रोतों से ये सूचना मिली थी कि लगभग 35-40 हथियारबंद माओवादी कैडर जंगल क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। इन स्रोतों से मिले लोकेशन की जानकारी काफी हद तक सटीक निकली। जब बीएसएफ कर्मियों और छत्तीसगढ़ पुलिस ने उस इलाके को घेरा, तो उन पर माओवादियों ने गोलीबारी कर दी। इस गोलीबारी में एक जवान घायल हो गया। सूत्रों ने बताया कि मुठभेड़ में शामिल माओवादी प्रशिक्षित थे और उनमें एक सीनियर कमांडर भी मौजूद था।
नक्सलवाद की जड़ उखाड़ कर फेंक दी जाएंगी
इस दौरान अमित शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से 2023 के बाद भाजपा की सरकार आई है तब से नक्सल के खिलाफ लड़ाई को नई ऊर्जा मिली है। 2019 के बाद से 250 सिक्योरिटी एजेंसी कैंप सेट किए जा चुके हैं। तीन महीने पहले जब से छत्तीसगढ़ में सरकार बनी है तब से 80 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर कर दिया गया है, 125 से ज्यादा गिरफ्तार हो चुके हैं और 150 से ज्यादा सरेंडर कर चुके हैं।
शाह ने कहा कि पीएम मोदी के अंडर में ये अभियान जारी रहेगा। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा माओवादियों के खिलाफ की गई कार्रवाई इसी अभियान का हिस्सा है। देश में बहुत कम समय के अंदर नक्सलवाद की जड़ उखाड़ कर फेंक दी जाएंगी।
कम हो रहा हिंसाग्रस्त इलाका
देश में माओवादियों के खिलाफ सुरक्षाबलों का अभियान लगातार सफलता हासिल कर रहा है। गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 2023 में राज्यसभा को सूचित किया था कि 2010 में झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 96 जिलों में हिंसा की खबरें आती थी, जो 2021 में घटकर केवल 45 जिलों तक सिमट गई हैं। इसका मतलब है कि भौगोलिक रूप से माओवादी हिंसा का प्रभाव कम हो रहा है।