MSP को लेकर किसानों और केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों के बीच चंडीगढ़ में देर रात मीटिंग हुई। इस मीटिंग में फिलहाल कोई हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है। किसान नेताओं का कहना था कि केंद्र सरकार चार और फसलों पर एमएसपी देने को तैयार हो गई। बयान के मुताबिक, फिलहाल केंद्र सरकार की ओर से धान और गेहूं के अलावा मसूर, उड़द, मक्की और कपास की फसल पर भी एमएसपी देने का प्रस्ताव पेश किया गया। लेकिन किसान इस पर मानने को तैयार नहीं है। उसकी एक वजह है पांच साल का करार का प्रस्ताव। क्योंकि इसके अनुसार किसानों को भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नैफेड) और भारतीय कपास निगम (सीसीआई) से पांच साल का करार करना होगा।
केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव के बाद किसान नेताओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि सोमवार को वो सभी से बात करके अपना फैसला सरकार को सुनाएंगे। उम्मीद की जा रही है कि आज यानि सोमवार को शाम तक किसान नेता सरकार को अपना फैसला सुनाएं। बता दें, रविवार को केंद्र सरकार के तीन मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच करीब पांच घंटे तक मीटिंग चली थी। लेकिन उनके बाद भी सभी मुद्दों पर सहमती नहीं बन पाई।
करीब दो घंटे देरी से शुरू हुई बैठक में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ पंजाब के सीएम भगवंत मान और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां भी शामिल हुए।
रविवार की रात सरकार के साथ बातचीत के लिए कई बड़े दल के नेता शामिल हुए थे।
1. जगजीत सिंह दल्लेवाल, अध्यक्ष बीकेयू
2. सरवन सिंह पंढेर, समन्वयक केएमएम
3. जसविंदर सिंह लोंगोवाल, अध्यक्ष, बीकेयू एकता आजाद
4. सुरजीत सिंह फूल, अध्यक्ष बीकेयू -क्रांतिकारी
5. अमरजीत सिंह मोहरी, अध्यक्ष बीकेयू- शहीद भगत सिंह
6. सतनाम सिंह बरग्रियां, अध्यक्ष पगरी संभल जट्टा, पंजाब
7. अभिमन्यु कोहाड़, अध्यक्ष बीकेयू-नौजवान हरियाणा
8. गुरदास सिंह लकड़वाल, बीकेयू-एकता कलावाड़ी, हरियाणा
9. कुर्बुर शांता कुमार, अध्यक्ष, कर्नाटक गन्ना किसान संघ
10. मनिंदर सिंह मान, सदस्य किसान समन्वय समिति, राजस्थान
मीड़िया से बात करते हुए किसान नेता जगदीश सिंह दल्लेवाल ने कहा कि हमारा दिल्ली चलो मार्च तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार हमारी मांगो को पूरा नही कर देती है। साथ ही उन्होंने कहा कि हम एमएसपी को लेकर सरकार से लगातार बात कर रहें हैं, और हल निकाल लेंगे।
मीड़िया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पंजाब को एक बार फिर कपास की खेती में अब्बल बनाने के लिए सरकार तैयार है। भारतीय कपास निगम ऐसे किसानों से एमएसपी पर फसल खरीदने के लिए पांच साल के लिए लीगल एग्रीमेंट करेगा।
सरकार से क्या है किसान नेताओं की मांग
1. सभी फसलों की खरीद के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाया जाए।
2. डॉ. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के हिसाब से फसलों की कीमत तय की जाए, सभी फसलों के उत्पादन की औसत लागत से पचास फीसदी ज्यादा एमएसपी मिले।
3. किसान और खेत में काम करने वाले मजदूरों का कर्जा माफ किया जाए, किसानों को प्रदूषण कानून से बाहर रखा जाए।
4. 60 साल से ज्यादा उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन दी जाए।
5. भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 दोबारा लागू किया जाए।
6. लखीमपुर खीरी कांड के दोषियों को सजा दी जाए, आरोपियों की जमानत रद्द की जाए।
7. मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
8. विद्युत संशोधन विधेयक 2020 को रद्द किया जाए।
9. मनरेगा में हर साल 200 दिन का काम और 700 रुपये मजदूरी दी जाए।