Bangladesh: बांग्लादेश में स्थिति बद से बदतर होते जा रही है। पूरे देश में प्रदर्शनकारियों ने घातक रूप ले लिया है। देश में फिलहाल सेना का शासन है। बांग्लादेश में हिंसा और सियासी अफरा-तफरी का फायदा उठा कुछ आतंकी भारत में घुसपैठ करना चाहते हैं।
सूत्रों की माने तो बांग्लादेश के रेडिकल ग्रुप भीड़ का सहारा लेकर भारत में घुसपैठ करने की तैयारी कर रहा है। ऐसी खबरों के बाहर आते ही BSF हाई अलर्ट पर है।
बांग्लादेश में हिंसा के रौद्र रूप को देखते हुए भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर बहुत से बांग्लादेशी नागरिक भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। इन लोगों का फायदा उठाकर रेडिकल ग्रुप भारत में घुसने के फिराक में है।
बॉर्डर पर हाई अलर्ट पर है BSF
सुरक्षा एजेंसियों ने एक अलर्ट जारी कर कहा है कि बांग्लादेश से प्रतिबंधित इस्लामी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (IMB) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के आतंकवादियों के साथ ही दूसरे अपराधी भी वहां की जेलों से भाग गए हैं।
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जेल से भागे ये आतंकी भारत में घुसपैठ करने की साजिश रच रहे हैं, जिसे रोकने के लिए BSF के जवानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
यूनुस संभालेंगे बांग्लादेश की कमान
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का नेतृत्व करेंगे।आज यानी गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार शपथ लेने वाली है। यूनुस अंतरिम सरकार का नेतृत्व संभालने के लिए पेरिस से आज ही ढाका लौट रहे हैं।
Bangladesh में क्यों हो रहा प्रदर्शन
बांग्लादेश में कई बार हसीना सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो चुके हैं। हाल ही में आरक्षण को लेकर बांग्लादेश में बवाल शुरू हुआ, जिसने सैकड़ों लोगों की जान ले ली।
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दरअसल, बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में जबरदस्त आरक्षण था। सरकारी नौकरियों में फ्रीडम फाइटर्स और उनके बच्चों के लिए 30%, जंग से प्रभावित हुईं। महिलाओं के लिए 10%, अलग-अलग जिलों के लिए 40% आरक्षण था। बाकी 20% मेरिट वालों के लिए था।
हालांकि, सरकार इस कोटा सिस्टम में समय-समय पर बदलाव करते ही रहती थी, लेकिन फ्रीडम फाइटर्स और उनके बच्चों को मिलने वाला आरक्षण में कभी कोई बदलाव नहीं किया गया।
बाद में 2018 में हसीना सरकार ने इस पूरे कोटा सिस्टम को खत्म कर दिया। हालांकि हसीना सरकार के इस फैसले को जून 2024 में हाईकोर्ट ने गलत ठहराया और आरक्षण फिर से लागू करने का आदेश दिया।
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हाईकोर्ट के इस फैसले को सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी। इसके बाद से ही देश में स्थिति खराब होने लगी, छात्र सड़कों पर उतरने लगे और सरकार से कोटा सिस्टम में सुधार करने की मांग करने लगे।
छात्रों का दावा था कि कोटा सिस्टम का फायदा हसीना की पार्टी आवामी लीग के नेताओं को मिल रहा है। छात्रों ने शेख हसीना पर फेवरेटिज्म का आरोप भी लगाया, जब पुलिस ने इन प्रदर्शनों को दबाने की कोशिश की तो छात्र उग्र हो गए और हिंसा भड़क उठी।
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