CBI Disclosure: मणिपुर में पिछले साल हुई एक घटना के कुछ महीनों बाद एक वीडियों सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। इस वीडियो में पुरुषों की भीड़ ने दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाया था। इसके बाद इस मामले की जांच CBI को सौंपी गई थी। इसी मामले में CBI ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। CBI ने कहा है कि कांगपोकपी जिले में इन महिलाओं ने भीड़ से बचने के लिए पुलिस वालों से मदद मांगी थी, लेकिन पुलिस ने इनकी मदद करने से मना कर दिया था और दोनों महिलाओं को लगभग 1000 से ज्यादा की भीड़ को सौप दिया था। यह दोनों पीड़ित महिलाएं आरोपियों से बचने के लिए पुलिस की जिप्सी में घुस गईं। पुलिस वालों से कहा कि उन्हें इस भीड़ से दूर कहीं सुरक्षित जगह पर छोड़ दिया जाए, लेकिन पुलिस वालों ने महिलाओं से कहा कि उनके पास गाड़ी की चाबी नहीं है। ऐसा कहकर महिलाओं को भीड़ के हवाले कर दिया।
सैनिक की पत्नी थी शामिल
CBI के अधिकारियों ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि उन दोनों महिलाओं में एक महिला कारगिल युद्ध में शामिल सैनिक की पत्नी थी। सीबीआई ने पिछले साल 16 अक्टूबर को गुवाहाटी में विशेष न्यायाधीश, सीबीआई अदालत के समक्ष छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया।
भीड़ के पास थे हथियार
अधिकारियों ने आरोप पत्र में कहा है कि भीड़ के पास मौजूद राइफल, एसएलआर, इंसास और 303 राइफल जैसे अत्याधुनिक हथियारों से खुद को बचाने के लिए दोनों महिलाएं भाग रहीं थीं। इसमें कहा गया है कि एक भीड़ सैकुल थाने से लगभग 68 किमी दक्षिण में कांगपोकपी जिले में उनके गांव में जबरदस्ती घुस गई थी।
जंगल में की थी भागने की कोशिश
भीड़ से बचने के लिए महिलाएं अन्य पीड़ितों के साथ जंगल में भागने की कोशिश की थी, लेकिन दंगाइयों ने उन्हें जंगलों में भागते हुए देख लिया था। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ में शामिल कुछ लोगों ने महिलाओं को मदद मांगने के लिए सड़क किनारे खड़े पुलिस वाहन के पास जाने के लिए कहा था। दोनों महिलाएं पुलिस वाहन में घुसने में कामयाब तो हो गईं, जिसमें दो पुलिसकर्मी और चालक पहले से बैठे थे, जबकि तीन-चार पुलिसकर्मी वाहन के बाहर थे।