Tripura Agreement: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिती में 4 सितंबर (बुधवार) को भारत सरकार , त्रिपुरा सरकार, नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा और ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स (ATTF) के प्रतिनिधियों ने त्रिपुरा शांति समझौते के ज्ञापन पर साइन किया। इस समझौते के बाद NLFT ने कहा कि सरकार पर हमें पूरा विश्वास है। इसकी वजह से हम 30 साल का सशस्त्र संघर्ष खत्म कर रहे हैं। हमने अपनी शर्तों को साझा किया और गृहमंत्री पर हमें पूरा विश्वास है।
शांति समझौते पर क्या बोले मुख्यमंत्री माणिक साहा?
इसके साथ ही त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इस शांति समझौते के लिए अमित शाह को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस शांति समझौते के लिए गृहमंत्री सूत्रधार साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में उत्तर पूर्व में एक दर्जन से ज्यादा शांति समझौते हुए हैं, जिसमें 3 समझौते त्रिपुरा के लिए हैं। त्रिपुरा का भविष्य उज्ज्वल है. हम पीएम मोदी का भी धन्यवाद देते हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कही ये बात (Tripura Agreement)
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा,” इस समझौते से इन दोनों संगठनों के 328 लोग मुख्यधारा में आएंगे. 250 करोड़ का पैकेज त्रिपुरा के इस इलाके के लिए होगा। इस समझौते की हर बात का पालन किया जाएगा। आज हम सबके लिए गर्व का विषय है कि 35 साल से जो संघर्ष चल रहा था वो खत्म हो गया। यह सब शांति और संवाद के जरिए हो सका है. पीएम मोदी ने नार्थ ईस्ट से दिलों का फासला दूर किया है। अमित शाह ने कहा कि ये समझौता कागज का टुकड़ा नहीं बल्कि दिलों का मेल है।”
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क्या है पूरा मामला?
त्रिपुरा के मूल निवासियों की समस्याओं का स्थायी समाधान लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी इसी साल मार्च माह के दौरान TIPRA मोथा, त्रिपुरा और केंद्र सरकार के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।एक आधिकारिक बयान के अनुसार समझौते के तहत त्रिपुरा के मूल निवासियों के इतिहास, भूमि, राजनीतिक अधिकारों, आर्थिक विकास, पहचान, संस्कृति और भाषा से संबंधित सभी मुद्दों को सौहार्दपूर्ण ढंग से हल करने पर सहमति व्यक्त की गई थी।
इस दौरान अमित शाह ने कहा था कि मैं त्रिपुरा के सभी हितधारकों को आश्वस्त करता हूं कि अब आपको अपने अधिकारों के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा। भारत सरकार आपके अधिकारों की सुरक्षा के लिए तंत्र बनाने में दो कदम आगे रहेगी।