Harshika Married Lord Shri Krishna: ‘हंस के तू पी ले विष का प्याला, काहे का डर तोरे संग गोपाला। तेरे तन की ना होगी हानि, कृष्ण दीवानी मीरा, कृष्ण दीवानी…’ लगभग हर इंसान यह जानता होगा की मीरा ने श्रीकृष्ण को अपना प्रियतम माना था और उनकी आराधना करती थीं। इसके लिए उन्होंने अपने पति तक को छोड़ दिया था। वह कृष्ण के प्रेम में इतनी दीवानी थीं कि वह दिनभर कृष्ण की भक्ति में डूबी रहती थीं। कहते हैं कि प्रेम जब परवान चढ़ता है तो कुछ नजर नहीं आता। आज हम आपको सुनाएंगे कलियुग की ‘मीरा’ हर्षिका की कहानी…
उत्तराखंड, जिसे देवों की भूमि कहा जाता है। लोग मोक्ष की प्राप्ति के लिए उत्तराखंड धाम आते हैं। उत्तराखंड के हल्द्वानी में एक अनूठी शादी हुई, जिसकी चर्चा हर जगह हो रही है। श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन एक युवती ने जीवन भर कान्हा के साथ रहने की ठान ली और उसने अपने प्रेमी श्रीकृष्ण की मूर्ति को साक्षी मानते हुए उनके साथ शादी कर ली। भगवान श्रीकृष्ण को पाने के लिए हर्षिका 15 सालों से करवा चौथ की व्रत रह रही थीं। हर्षिका के शादी समारोह में अतिथि भी शामिल हुए। इन अतिथियों के लिए खानपान से लेकर अन्य व्यवस्थाएं भी की गई थी। विदाई कार्यक्रम के बाद कान्हा की मूर्ति को साथ में लेकर युवती कार से रिश्तेदार के यहां पहुंची।
बचपन से दिव्यांग हैं हर्षिका
हल्द्वानी के प्रेमपुर लोश्ज्ञानी इंद्रप्रस्थ कॉलोनी निवासी पूरन चंद्र पंत की 21 वर्षीय पुत्री हर्षिका पंत बचपन से ही दिव्यांग है। 21 वर्षीय हर्षिका की सुंदरता इतनी है कि वह अच्छी-अच्छी सुंदर लड़कियों को भी मात दे देती हैं। लेकिन कुदरत के आगे किसकी चलती है। हर्षिका दिव्यांग है और उनके शरीर का निचला हिस्सा काम नहीं करता है। अपने दैनिक कार्यों के लिए भी उन्हें दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है।
सृष्टि के पालनहार को ही माना अपना पति (Harshika Married Lord Shri Krishna)
बहुत छोटी उम्र से ही हर्षिका कान्हा की भक्ति में रम गईं। हर्षिका ने सृष्टि के पालनहार को ही अपना पति मान लिया। शादी की तैयारियां छह माह से चल रही थीं, पिता पूरन चंद्र पंत ने बेटी के विवाह के लिए वृंदावन में निमंत्रण भेजा और वहां से नौ इंच की भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति तीन जुलाई को धूमधाम से अपने घरा लाए। बुधवार को उनके आवास पर महिला संगीत कार्यक्रम का आयोजन हुआ। पिता पूरन चंद्र ने बताया कि 300 से अधिक लोगों को निमंत्रण भेजा गया था।
धूमधाम से हुई शादी
आज 11 जुलाई को हर्षिका परिवार की सहमति से धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण से शादी रचाकर अपने जीवन को कान्हा को समर्पित कर दिया। हर्षिका के घर सुबह से ही शादी की तैयारियां की जा रही थी। बैंड-बाजे के साथ बाराती दरवाजे पहुंचे, जहां कुमाऊनी रीति-रिवाज के अनुसार भगवान कृष्ण का दरवाजे पर स्वागत किया गया। इसके बाद कुमाऊनी रीति-रिवाज के अनुसार ही हर्षिका की भगवान श्रीकृष्ण से शादी रचाई गई। वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की मूर्ति के साथ सात जन्मों की कसमें और वादों की प्रतिज्ञा लेते हुए हर्षिका ने अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर धारण किया।
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राधा-कृष्ण के लगे जयकारे
इसके बाद जयमाला का भी कार्यक्रम किया गया। हर्षिका को आशीर्वाद देने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचे हुए थे। जहां सैकड़ों लोग शादी के साक्षी बने। उसके बाद दुल्हन बनी हर्षिका अपनी सहेलियों के साथ कमरे से बाहर निकली और जयमाला को स्टेज पर ले जाकर उसे कान्हा की प्रतिमा को पहना दिया। हर्षिका के माला पहनाने के बाद वहां मौजूद लोगों ने राधा कृष्ण के जयकारे भी लगाए।
श्रीकृष्ण को बनाया घर जमाई
हर्षिका पिछले 15 वर्षों से अपने हृदय में भगवान श्रीकृष्ण को संजोए बैठी हैं। आज शादी हुई है, लेकिन हर्षिका अपने ससुराल (वृंदावन) नहीं गई, बल्कि घर वाले भगवान श्रीकृष्ण को घर जमाई बनाकर अपने घर में रख लिया। हर्षिका का पूरा परिवार इस शादी से बेहद खुश है। हर्षिका की माता मीनाक्षी पंत बताती हैं कि बचपन से ही हर्षिका में भगवान श्रीकृष्ण को लेकर प्रेमभाव है। वह बंद कमरे में मूर्ति के साथ बात करती हैं। हर्षिका के पिता पूरन चंद्र पंत ने बताया कि बेटी की भगवान श्रीकृष्ण से शादी कर भगवान श्रीकृष्ण को अपना दामाद बनाया है और आज से उनके घर में भगवान श्रीकृष्ण विराजमान रहेंगे। हल्द्वानी में हुई यह शादी इस समय चर्चा का विषय बनी हुई है।