उत्तराखंड के हल्दवानी में हुई हिंसा में पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया) और बांग्लादेशी घुसपेठियों का हाथ हो सकता है। यूपी के पूर्व डीजीपी और भाजपा सांसद बृजलाल ने अपने बयान में कहा है कि इस हिंसा में PFI और बांग्लादेशी घुसपेठिए शामिल है।
उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरूवार 8 फरवरी को हुई हिंसा के चलते कई लोग घायल हो गए है। अतिक्रमण हटाने गई पुलिस और प्रशासन की टीम पर भीड़ ने हमला बोल दिया। हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की और पेट्रोल बम फेंके, जिसके चलते 100 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हो गए। इतना ही भड़की हिंसा को निंयत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग करनी पड़ी। कुछ ही पलों में देखते ही देखते हल्द्वानी का बनभूलपुरा इलाका आग से सुलग उठा। पुलिस द्वारा भीड़ को नियंत्रित न कर पाने पर देर शाम पैरा मिलिट्री फोर्स बुलाई गई और इलाके में कर्फ्यू लगा दिया गया।
बनभूलपुरा इलाके में हुई हिंसा पर यूपी के डीजीपी और बीजेपी सांसद बृजलाल ने कहा कि दंगाईयों ने योजना के अनुसार हिंसा को भड़काया है। उन्होंने कहा कि इस घटना कि गहनता से जांच होनी चाहिए और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। सासंद ने कहा कि हिंसा को पूरी प्लेनिंग के साथ अंजाम दिया गया। PFI जैसे कट्टरवादी संगठनो के खिलाफ उत्तरखंड पुलिस को कड़ी से कड़ी धाराओं के अतंर्गत मामला दर्ज कर कार्रवाई करनी चाहिए जिससे आरोपियों को जमानत न मिल पाएं।
आखिर क्यों भड़की हिंसा ?
ये सारा बवाल एक मदरसे और नमाज स्थल के खिलाफ नगर निगम द्वारा लिए गए एक्शन के बाद हुआ। प्रशासन का कहना है कि मदरसा अवैध था, 30 जनवरी को नगर निगम ने मदरसा ढहाने का नोटिस दिया था। तीन एकड़ जमीन का कब्जा निगम ने पहले ही ले लिया था। प्रशासन द्वारा मदरसा और नमाज स्थल भी सील कर दिया गया था। मदरसा चलाने वाली संस्था हाईकोर्ट गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद आज एक बजे अवैध मदरसा ढहाने की कार्रवाई शुरू की गई।
फिलहाल क्षेत्र में कर्फ्यू के बाद शांति स्थापित करने में सफलता मिली है। सीएम पुष्कर धामी मामले को लेकर एक्टिव है और पल पल की खबर पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम ने उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश भी दे दिये हैं। इतना ही नहीं हल्द्वानी में धारा 144 लागू कर दी गई है। साथ ही भारी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया है।