Mukhtar Ansari: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में 2005 से सजा काट रहे गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की 23 मार्च को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी। मुख्तार के परिजन दावा कर रहे थे कि मुख्तार अंसारी को खाने में स्लो पॉइजन यानी धीमा जहर दिया गया था, जिसको लेकर मजिस्ट्रियल जांच कराई गई थी। अब इस मामले में जिलाधिकारी ने सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्तार की मौत की वजह जहर नहीं, बल्कि हार्ट अटैक बताई गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मुख्तार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी हार्ट अटैक की पुष्टि हुई थी। साथ ही यह भी बताया गया कि प्रशासन ने मुख्तार अंसारी के परिजनों को कई बार नोटिस भेजा, लेकिन वे नहीं आए।
मुख्तार अंसारी की मौत की जांच ADM वित्त राजेश कुमार को सौंपी गई थी। ADM ने बताया कि मुख्तार के बैरक में जो चना, गुड़ और नमक मिला है उसमें जहर नहीं पाया गया है। उसकी मौत हार्ट अटैक आने से ही हुई थी, उसे किसी तरह का जहर नहीं दिया गया था।
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परिजनों ने जेल प्रशासन पर लगाए थे आरोप
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, यूपी के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत कार्डियक अरेस्ट के कारण ही हुई थी। मुख्तार के परिजनों ने जेल प्रशासन पर आरोप लगाए थे कि उसको खाने में स्लो पॉइजन यानी धीमा जहर दिया गया था।
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मुख्तार (Mukhtar Ansari) के बेटे उमन अंसारी ने तो अपने पिता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट एम्स के डॉक्टरों से कराने की मांग भी की थी। उसका कहना था कि उसे स्थानीय प्रशासन पर यकीन नहीं है। इसके लिए उमर ने बांदा जिले के डीएम को पत्र लिखा था। इतना ही नहीं, विपक्षी दलों ने भी ‘खाने में जहर’ की बात को काफी तूल दिया था।