श्रेष्ठ भारत (Shresth Bharat) | Hindi News

Our sites:

|

Follow us on

|

देश की राजधानी दिल्ली में लोगों के लिए सांस लेना हुआ मुश्किल


देश की राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बुधवार सुबह 336 दर्ज किया गया। जिससे लगातार चौथे दिन हवा की गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रही SAFAR-India के मुताबिक शहर का AQI रविवार (309) से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR)-इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार AQI सोमवार को 322 और मंगलवार को 327 दर्ज किया गया था। राष्ट्रीय राजधानी के सुबह की सैर करने वालों ने कहा कि सांस लेना अब उतना आसान नहीं है जितना गर्मी के महीनों में हुआ करता था।

दिल्ली विश्वविद्यालय क्षेत्र और पूसा में आज सुबह 7 बजे AQI के साथ हवा की गुणवत्ता क्रमशः 391 और 311 के साथ ‘बहुत खराब’ दर्ज की गई। आईआईटी दिल्ली क्षेत्र में भी हवा की गुणवत्ता 329 एक्यूआई के साथ बहुत खराब श्रेणी में रही। हवाई अड्डे (टी3) और मथुरा रोड पर हवा की गुणवत्ता भी 339 और 362 एक्यूआई के साथ बहुत खराब श्रेणी में रही। नोएडा में AQI 391 (बहुत खराब) और गुरुग्राम में 323 (बहुत खराब) दर्ज किया गया।

एक्यूआई लोगों को वायु गुणवत्ता की स्थिति के संदर्भ में प्रभावी संचार के लिए एक उपकरण है जिसे समझना आसान है। यह विभिन्न प्रदूषकों के जटिल वायु गुणवत्ता डेटा को एक एकल संख्या (सूचकांक मान), नामकरण और रंग में बदल देता है। 0 से 100 तक AQI को अच्छा माना जाता है, जबकि 100 से 200 तक मध्यम, 200 से 300 तक खराब, 300 से 400 तक बहुत खराब और 400 से 500 या इससे ऊपर को AQI गंभीर माना जाता है।

पिछले हफ्ते दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा था कि प्रदूषण पर रोक लगाने के लिए एक-एक करके 15 सूत्री शीतकालीन कार्ययोजना लागू की जा रही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पहले वाहनों, बायोमास जलने, धूल आदि से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए 15-सूत्रीय शीतकालीन कार्य योजना की घोषणा की थी। अब प्रदूषण को कम करने के लिए इस शीतकालीन कार्य योजना को एक-एक करके जमीन पर लागू किया जा रहा है।

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपालराय ने कहा प्रदूषण का एक प्रमुख कारण वाहन हैं इसलिए उन्होंने 26 अक्टूबर को ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया है। अब डेटा कहता है कि AQI में पार्टिकुलेट मैटर का स्तर 10 है। घट रहा है और PM2.5 बढ़ रहा है। इसका मतलब है कि वाहनों और बायोमास जलने से होने वाला प्रदूषण बढ़ रहा है। इसके लिए ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया गया है।


संबंधित खबरें

वीडियो

Latest Hindi NEWS

Health News
Health News: टॉयलेट सीट पर चलाते हैं फोन, बड़ी बीमारी से हो सकते हैं ग्रसित!
CM DHAMI
Uttarakhand: जनजातीय गौरव दिवस आज, मुख्यमंत्री धामी करेंगे कार्यक्रम का शुभारंभ
UPPSC Exam News Date
UPPSC Exam News Date: UPPSC परीक्षा की नई तारीख का एलान, जानें कब होगा एग्जाम
UPPSC RO-ARO Protest
UPPSC Protest: छात्रों का आंदोलन 5वें दिन भी जारी, जानें कहां फंसा है पेंच
Anshul Kamboj
Ranji Trophy: अंशुल कंबोज ने रचा इतिहास, ऐसा करने वाले बने 6ठें भारतीय गेंदबाज
India Vs South Africa 4th T20
IND vs SA: सीरीज जीतने के इरादे से उतरेगी सूर्या ब्रिगेड, जानें संभावित प्लेइंग11