Delhi Riots Case: राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली के कानून मंत्री कपिल मिश्रा की उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों में कथित भूमिका की आगे की जांच के निर्देश दिए। अदालत ने मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आवेदन को स्वीकार कर लिया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का आदेश
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) वैभव चौरसिया ने कपिल मिश्रा की कथित भूमिका की आगे की जांच के लिए एक एफआईआर का निर्देश दिया। दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उसने कपिल मिश्रा की भूमिका की जांच की थी और उसके खिलाफ कुछ भी आपत्तिजनक नहीं मिला।
अदालत का बयान
अदालत ने कहा कि दिल्ली पुलिस द्वारा रखी गई सामग्री के आधार पर, उनकी उपस्थिति कर्दम पुरी के इलाके में थी, और एक कथित संज्ञेय अपराध पाया गया था जिसकी जांच की जानी चाहिए।
शिकायतकर्ता का दावा
शिकायतकर्ता ने उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों के संबंध में कपिल मिश्रा और अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए एसएचओ दयालपुर को निर्देश देने की मांग की थी।
दिल्ली पुलिस का बयान
5 मार्च, 2025 को दिल्ली पुलिस ने कहा कि मिश्रा की भूमिका की पहले ही जांच की जा चुकी है। दिल्ली पुलिस ने लिखित बयान में कहा था कि कपिल मिश्रा को इस मामले में फंसाया जा रहा है, जबकि 2020 के उत्तर पूर्वी दिल्ली दंगों में उनकी कोई भूमिका नहीं थी। यह भी कहा गया कि दंगे षड्यंत्रकारियों की साजिश का नतीजा थे।
अदालत का आदेश
अदालत ने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। डीसीपी (उत्तर-पूर्व) ने एक रिपोर्ट दर्ज की जिसमें कहा गया कि शिकायतकर्ता के दावों को पहले ही अलग-अलग पुलिस स्टेशनों पर दर्ज अलग-अलग एफआईआर में संबोधित किया जा चुका है। अधिकारी ने कहा कि स्पेशल सेल द्वारा की गई बड़ी साजिश की जांच में मिश्रा की भूमिका को पहले ही संबोधित किया जा चुका है।