देश में आवारा कुत्तों के हमले की खबर अब धीरे धीरे आम बनती जा रही है। ऐसी ही कुछ घटना ने आज फिर पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। देश की प्रमुख चाय कंपनियों में से एक वाघ बकरी चाय के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई का 49 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। इसके पीछे की वजह स्ट्रीट डॉग्स यानी आवारा कुत्तों को बताया जा रहा है।
दरअसल गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले पराग देसाई अपने आवास के पास गिर गए जिससे उनके सिर पर गंभीर चोटें आईं। उनका इलाज अस्पताल में हो रहा था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पराग देसाई 15 अक्टूबर को इस्कॉन अंबली रोड के पास सुबह की सैर करने निकले थे।इस दौरान उनके ऊपर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। उन्होंने कुत्तों के हमले से बचने की कोशिश की और भागे। भागते भागते वो सड़क पर गिर गए और कुत्तों ने उन्हें कई जगह काट लिया सड़क पर अचानक नीचे गिरने से पराग को सिर में गंभीर चोट भी लग लग गई। आनन फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया पर हालत ज्यादा बिगड़ने पर दूसरे अस्पताल रेफर किया गया। पिछले हफ्ते से वहीं इनका इलाज चल रहा था।
डॉक्टरों के मुताबिक सिर में अंदरूनी और गंभीर चोट की वजह से पराग देसाई को बेन हेमरेज हो गया था। उनकी सर्जरी भी की गई पर उन्हें बचाया नहीं जा सका। 22 अक्टूबर की शाम अहमदाबाद एक निजी अस्पताल में भर्ती पराग देसाई जिंदगी की जंग हार गए।
1995 में पराग देसाई जब वाघ बकरी ग्रुप का हिस्सा बने थे तो कंपनी का टर्नओवर 100 करोड़ रुपये का था। आज इस ग्रुप का टर्नओवर 2000 करोड़ रुपये है। कंपनी का कारोबार 24 राज्यों और दुनिया के 60 देशों में फैला है। पराग देसाई वाघ बकरी ग्रुप में चौथी जेनरेशन के उद्यमी थे। वो ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रसेश देसाई के बेटे थे। वाघ बकरी ग्रुप को देश की टॉप तीन चाय कंपनियों में जगह दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई।
देसाई परिवार ने टी ब्रांड को ये नाम सोच समझकर दिया था। इसके पीछे देसाई परिवार की सोच है कि वाघ और बकरी का एक साथ नाम और logo एकता और सौहार्द का प्रतीक है।