सिलक्यारा टनल से 41 मजदूरों को निकालने में मदद करने वाले का रैट माइनर वकील हसन का घर बुलडोजर ने गिरा दिया है। रैट माइनर वकील हसन दिल्ली के खजूरी खास इलाके के श्रीराम कॉलोनी में रहते थे। वकील हसन का आरोप है कि डीडीए ने बिना नोटिस दिये उनका घर गिरा दिया है। मामले ने जब तुल पकड़ा तो डीडीए ने सफाई दी कि जब बुलडोजर से अतिक्रमण हटाया जा रहा था। तब उन्हें नहीं पता था कि कॉलोनी में वकील हसन का भी घर है। हसन वकील का घर ध्वस्त हुआ तो उनकी पत्नी का एक वीडियो सामने आया। वकील की पत्नी वीडियो में सरकार से सवाल कर रही हैं कि सम्मान के बदले हमसे हमारा मकान ले लिया।
वकील हसन के आरोप और डीडीए की सफाई के साथ ही सियासत ने जोर पकड़ लिया है। विपक्षी पार्टियां सरकार को घेर रही हैं। डीडीए ने सफाई देने के बाद ये भी कहा कि 2016 में भी इसी जगह पर अतिक्रमण को हटाया गया था। इसके बाद 2017 में ही फिर अतिक्रमण कर लिया गया। इसके बाद लगातार इस अतिक्रमण को हटाने की कोशिश की गई लेकिन चुनौतियां इतनी थी कि अतिक्रमण की कार्रवाई संभव नहीं हो पा रही थी। फिर अब अभियान चलाया गया और अतिक्रमण को हटाया गया। वहीं जब मामले ने तूल पकड़ा तो दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने वकील ने उन्हें नया घर देने का ऑफर कर दिया।
एलजी की घोषणा के बाद डीडीए ने भी वकील हसन को नरेला में ईडब्ल्यूएस फ्लैट देने की पेशकश की लेकिन वकील हसन ने दूसरी जगह घर लेने से साफ इंकार कर दिया। वकील का कहना है कि जिस जगह घर तोड़ा गया है उस जमीन पर घर बनाकर दिया जाए। वकील के मुताबिक ”अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे।” रैट माइनर वकील हसन ने कहा कि घर तोड़ने से पहले उन्हें डीडीए ने कोई नोटिस नहीं दिया था। वह यहां 11-12 साल से रह रहे थे। उनकी सरकार से केवल घर बनाने की मांग है। वकील हसन ने कहा उन्हें न तो कोई नौकरी चाहिए और न कोई सरकारी मदद। वह कहते हैं कि केवल जहां घर था, वहां दोबारा बनाकर दिया जाए।
चलिए अब आपको बताते है कि सिलक्यारा के हीरो का घर गिराने पर सियासत क्यों गरमा रही है। दिल्ली में डीडीए केंद्र सरकार के अंदर आती है और डीडीए के बुलडोजर से ही हसन वकील का घर ध्वस्त किया गया। अब आम आदमी पार्टी से लेकर कांग्रेस और सपा ने भी बीजेपी पर जमकर हमला बोला है। आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बात एक घर की नहीं है, पिछले डेढ़ साल में लाखों लोगों ने अपना घर खो दिया है। ये लोग कहां जाएंगे?
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वकील हसन की पत्नी का एक वीडियो भी शेयर करते हुए लिखा कि वकील हसन ने अपनी जान जोखिम में डालकर उत्तरकाशी सुरंग में फंसे मजदूरों की जान बचाई थी। तब अपने प्रचार के लिए भाजपा के बड़े-बड़े नेताओं ने उनके साथ तस्वीरें खिंचवाईं थीं। जब प्रचार खत्म हो गया तो आज उसी वकील हसन को थाने में बंद कर दिया और उनका घर तोड़कर उनके बच्चों के सिर से छत छीन ली।
पूर्व मुख्यमंत्री और सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि जिन्होंने लोगों को बचाकर कई घरों को उजड़ने से रोका, उनका घर तोड़ना अच्छा नहीं। भाजपा सरकार क्या इसी तरह अच्छे काम का इनाम देती है।
वकील हसन उन 12 रैट माइनर्स में शामिल में थे जिन्होंने उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल से 41 मजदूरों की जान बचाई थी। बाद में धामी सरकार ने रैट माइनर्स को सम्मानित भी किया था लेकिन अब उनके घर गिराए जाने पर विपक्ष उनके साथ खड़ा हो गया है। हसन वकील का परिवार बेघर हो गया लेकिन विपक्ष को सरकार को घेरने का एक नया मौका मिला गया।