World Cup Final Pitch Doctored: पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने एक विस्फोटक आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले गए वनडे वर्ल्ड कप फाइनल की पिच के साथ छेड़छाड़ की गई थी। पिच को भारतीय टीम को फायदा पहुंचाने के लिए धीमा बनाया गया था.
पिच को धीमा बनाया गया
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कैफ ने कहा कि बीसीसीआई के क्यूरेटर्स ने फाइनल की पिच को धीमी बनाने की कोशिश की थी. बता दें कि भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में 6 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था. पहले बल्लेबाजी करते हुए भारत सिर्फ 240 रन ही बना सका था, जिसे ऑस्ट्रेलिया ने ट्रैविस हेड के शानदार शतक की बदौलत 43 ओवरों में ही हासिल कर लिया था.
अपने जाल में खुद फंस गई टीम इंडिया
भारत के पूर्व बल्लेबाज का मानना है कि भारतीय टीम अपनी ही बनाई हुई रणनीति में फंस गई और ऑस्ट्रेलिया से हार गई. उनका ये बयान आईसीसी के पिच सलाहकार एंडी एटकिन्सन के विवादस्पद तरीके से बाहर निकलने के बाद आया है. एटकिन्सन को कथित तौर पर फाइनल की पिच को लेकर बीसीसीआई से मतभेद के चलते वर्ल्ड कप से ठीक पहले ही बाहर होना पड़ा था.
कैफ का हैरतअंगेज खुलासा
कैफ ने कहा, “मैं तीन दिन वहां था. रोहित शर्मा और राहुल द्रविड़ ने फाइनल से 3 दिन पहले हर रोज पिच का निरीक्षण किया. वो लोग हर दिन एक घंटे तक पिच के पास खड़े रहते थे. मैंने पिच का रंग बदलते हुए देखा. पिच पर पानी नहीं डाला गया और ना ही उस पर घास थी. भारत ऑस्ट्रेलिया को धीमी पिच देना चाहता था. ये सच है, भले ही लोग इसे मानना न चाहें.”
भारत ने ऐसा क्यों किया
कैफ ने आगे कहा, “ऐसा लगता था कि ऑस्ट्रेलिया के पास पैट कमिंस और मिचेल स्टार्क जैसे तेज गेंदबाज हैं, इसलिए भारत धीमी पिच देना चाहता था और यही हमारी गलती थी. बहुत से लोग कहते हैं कि क्यूरेटर अपना काम करते हैं और हम उनको प्रभावित नहीं करते हैं – ये बकवास है. जब आप पिच के आसपास घूम रहे होते हैं – तो आपको सिर्फ दो लाइनें कहनी होती हैं – कृपया पानी ना डालें, सिर्फ घास कम कर दें. ऐसा होता है. ये सच है. और ऐसा किया जाना चाहिए. आप घर पर खेल रहे हैं. और हमने इसे थोड़ा ज्यादा कर दिया।”
कमिंस ने गलती से सबक लिया था
कैफ ने ये भी कहा कि पैट कमिंस ने वर्ल्ड कप के शुरुआती मैच में भारत के खिलाफ मिली हार से सबक लिया था और उसको फाइनल में इस्तेमाल किया. कैफ ने अपनी बात खत्म करते हुए कहा, “कमिंस ने चेन्नई से सीखा कि धीमे मैच में शुरुआत में बल्लेबाजी करना मुश्किल होता है. फाइनल में कोई भी पहले फील्डिंग नहीं चुनता है, लेकिन कमिंस ने ऐसा किया. पिच को धीमा बनाते समय हम चूक गए.”