DLS Method: अक्सर आपने क्रिकेट में DLS शब्द तो सुना होगा। बारिश होने की वजह से कई बार टीम की जीत-हार का फैसला डीएलएस मेथड से हुआ है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस DLS मेथड की खोज किसने की थी? अगर नहीं तो हम बताते हैं… इस नियम की खोज फ्रेंक डकवर्थ ने की थी, जिनका आज निधन हो गया। वे 84 साल के थे।
ICC ने 1999 में किया था अप्रूव
फ्रेंक डकवर्थ ने टोनी लुइस के साथ मिलकर DLS मेथड की खोज की थी, जिसे इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने 1 जनवरी 1997 को पहली बार जिम्बाब्वे और इंग्लैंड के मैच में लागू किया था। उसके बाद ICC ने इसे 1999 में अप्रूव किया और 2001 में टारगेट रिवाइज करने के लिए स्टैंडर्ड मेथड के तौर पर अधिकृत रूप से लागू किया।
ऐसे लागू हुआ DLS मेथड
2007 में डकवर्थ ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मुझे इसकी जरूरत का एहसास 1992 वनडे वर्ल्ड कप सेमीफाइनल के दौरान हुआ,। जब BBC के कमेंटेटर क्रिस्टोफर मार्टिन-जेनकिंस ने साउथ अफ्रीका की हार के बाद कहा था कि निश्चित ही कोई…कहीं से कुछ बेहतर लेकर आएगा।
BCCI ने भारत और पाकिस्तान के मैच में किया प्रयोग
भारत में पहली बार इस मेथड का प्रयोग 2006 में किया गया था। BCCI ने पहले तो इस मेथड का विरोध किया, फिर अपना भी लिया। भारत में इस नियम का इस्तेमाल 2006 में भारत और पाकिस्तान के बीच हो रहे मैच में किया गया था। इस मैच में पाकिस्तान को DLS मेथड से विजेता घोषित किया गया था।
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2015 में बदला नाम; DL से DLS हुआ
साल 2015 में डकवर्थ लुइस फॉर्मूला बदलकर डकवर्थ लुइस स्टर्न फॉर्मूला कर दिया गया। इसमें क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर स्टीव स्टर्न के शोध को भी शामिल कर लिया गया। डीएलएस मेथड में टीमों के लिए शुरुआत में लक्ष्य का पीछा करते हुए विकेट बचाकर रखने के साथ-साथ तेजी से रन बनाने को भी शामिल किया गया, जो कि अब T-20 मैचों में अहम हो गया। इसके बाद इसे DL की जगह DLS मैथड कहा जाने लगा।
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