Hartalika Teej 2024: हरतालिका तीज का व्रत महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन की सुख शांति और पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं। महिलाएं सुबह से लेकर अगले सूर्योदय तक इस व्रत को रखती हैं। इसलिए इस व्रत को काफी कठोर माना जाता है।
ऐसी मान्यता हैं कि अगर कोई विवाहित महिला इस व्रत को रखती हैं, तो उनके वैवाहिक जीवन के सभी कलह दूर हो जाते हैं और पति की आयु भी बढ़ती है। अगर आप हरतालिका तीज का व्रत पहली बार रख रही हैं तो ये जरूरी बातें आपको अवश्य जान लेनी चाहिए….
हरतालिका व्रत के नियम क्या हैं?
व्रत वाले दिन महिलाएं न अन्न का सेवन करती हैं, न पानी पीती हैं। माना जाता है कि अगर किसी ने एक बार हरतालिका व्रत शुरू कर दिया, तो इसे बीच में नहीं छोड़ा जाता। ये बहुत अशुभ माना जाता है। इसके अलावा, अगर किसी ने इस व्रत को रखा हैं, तो उसे रात में सोना नहीं चाहिए।
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हरतालिका तीज व्रत कथा क्या है?
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, मां सती ने राजा हिमालय के यहां माता पार्वती के रूप में फिर से जन्म लिया था। माता पार्वती जब बड़ी हुई तो उनके पिता ने उनकी शादी भगवान विष्णु से करवाना चाहा, लेकिन माता पार्वती भोलेनाथ को अपना पति मान चुकी थीं। ऐसे में भोलेनाथ को पाने के लिए माता पार्वती ने कठोर व्रत रखा था।
क्या है शुभ मुहूर्त?
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 05 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर होने वाली है और इस मुहूर्त का समापन 06 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 21 मिनट पर होगा।
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ऐसे में महिलाएं हरतालिका तीज का व्रत 06 सितंबर को रखेंगी। पूजा करने का शुभ मुहूर्त सुबह 06 बजकर 02 मिनट से से सुबह 08 बजकर 33 मिनट का होगा।
इस तरह करें पूजा
इस दिन पूजा-पाठ करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। इस दौरान सूर्य देव के मंत्रों का जाप भी करना चाहिए। मंदिर की साफ-सफाई जरूर करें।
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इसके बाद, चौकी पर भोलेनाथ और माता पार्वती की मूर्ति को स्थापित करें। महादेव का अभिषेक करें। भगवान पर बेलपत्र और धतूरा अर्पित करें। मां पार्वती पर सोलह श्रृंगार की चीजें चढ़ाएं। इसके बाद दीया जलाकर आरती करें। फिर व्रत कथा का पाठ करें और आखिर में भगवान को भोग लगाएं।