Chamoli News: लक्ष्मी नारायण मंदिर के पुजारी मोहन प्रसाद डिमरी ने गाडू घड़ा तेलकलश की मंत्र उच्चारण के साथ पंचद्रव्यों से स्नान कर श्रृंगार पूजा और बाल भोग पूजा कर अरुण डिमरी और मुकेश डिमरी को सुपुर्द कर गाडू घड़ा तेलकलश की दूसरे चरण की यात्रा की शुरुआत की। भगवान बद्री विशाल के पूजा-विधान में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल को लेकर आयोजित तेल कलश यात्रा गुरुवार को जयघोष के साथ लक्ष्मी नारायण मंदिर, डिम्मर गांव से बद्रीनाथ धाम के लिए रवाना हुई।
श्रद्धालुओं ने कलश के किए दर्शन
इससे पहले, डिम्मर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं ने कलश के दर्शन किए। यात्रा के कर्णप्रयाग पहुंचने पर यहां मुख्य बाजार में यात्रा का स्वागत कर पूजा-अर्चना कर अगले पड़ाव को विदा किया गया।
दूसरे चरण की यात्रा का आरंभ
बुधवार सुबह से बद्रीनाथ धाम के डिमरी पुजारियों के गांव डिम्मर के लक्ष्मी नारायण मंदिर में गाडूघड़ा तेलकलश की दूसरे चरण की यात्रा को लेकर श्रद्धालुओं की उत्सुकता बनी रही। लक्ष्मीनारायण मंदिर के पुजारी मोहन प्रसाद डिमरी ने गाडू घड़ा तेलकलश को मंत्रों के उच्चारण के साथ पंचद्रव्यों से स्नान कर श्रृंगार और पूजा भोग लगाकर अरुण डिमरी और मुकेश डिमरी के सुपुर्द कर दूसरे चरण की यात्रा का आरंभ किया। अब यात्रा बद्रीनाथ धाम के पड़ाव कर्णप्रयाग, लंगासू, नंदप्रयाग और चमोली से होते हुए बद्रीनाथ धाम को पहुंचेगी।
9 मई को जोशीमठ के लिए रवाना होगी यात्रा
पुजारी मोहन प्रसाद डिमरी ने बताया कि डिम्मर गांव से 9 मई को यात्रा जोशीमठ के लिए रवाना होगी और नृसिंह मंदिर में रुकेगी। 10 मई को यात्रा जोशीमठ से रवाना होकर पांडुकेश्वर पहुंचेगी। यात्रा 11 मई को बद्रीनाथ धाम पहुंचेगी और 12 मई को सुबह 7 बजे धाम के कपाट खुलने पर तिल के तेल से भगवान बद्रीविशाल का महाभिषेक किया जाएगा।