किसान सरकार से एमएसपी की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर किसान नेताओं ने दिल्ली चलो का नारा दिया है। इसी बीच सरकार और किसान नेताओं के बीच बातचीत हुई लेकिन कोई हल नहीं निकला। किसानों और पुलिस के बीच भी झड़प की कई खबरें आई। अब इस मामले में यूपी के किसान नेता भी नजर आने लगे हैं। यूपी के किसान नेताओं ने कहा कि, देश में अलग-अलग जगह प्रदर्शनकारी किसानों पर हो रहे ‘अत्याचार’ पर चर्चा के लिए शनिवार को उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक ‘महापंचायत’ का आयोजन किया जाएगा। किसान अपनी मांगो को लेकर अलग-अलग जगहों पर डटे हुए है। किसान सरकार से मांग कर रहे है कि MSP को फिक्स किया जाए। किसान नेताओं की सरकार से MSP को लेकर लगातार बात चल रही है। पर कोई हल नहीं निकल रहा है। और कल किसान नेताओं भारत बंद का एलान किया था। पर उसका किसान नेताओं को उसका ज्यादा फायदा देखने को नही मिला। इसलिए 13 फरवरी की सुबह पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसानों ने हरियाणा-पंजाब सीमा और राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश बिंदुओं पर भारी बैरिकेडिंग के बीच अपनी मांगों पर जोर देने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च शुरू किया। हालांकि, उनमें से अधिकांश को हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा पर शंभू और खनौरी बिंदुओं पर सुरक्षा कर्मियों द्वारा रोक दिया गया था। तब से प्रदर्शनकारी दो सीमा बिंदुओं पर डटे हुए हैं। किसानो के इस उपद्रव को देखते हुए अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा समेत हरियाणा के सात जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई। ‘दिल्ली चलो’ आह्वान की अगुवाई कर रहे किसान नेताओं ने दावा किया कि हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले छोड़कर और रबर की गोलियां चलाकर उनके खिलाफ “बल” का इस्तेमाल किया, जिससे कई लोग घायल हो गए। गतिरोध के बीच केंद्रीय मंत्री और किसान नेता चौथे दौर की वार्ता के लिए 18 फरवरी को मिलेंगे। दोनों पक्षों के बीच 8, 12 और 15 फरवरी को भी मुलाकात हुई लेकिन वो बातचीत बेनतीजा रही। हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को शंभू बॉर्डर पर कथित तौर पर पथराव करने और सुरक्षा कर्मियों को उकसाने की कोशिश करने वाले कई किसानों की वीडियो क्लिप की एक श्रृंखला जारी की। और उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही के आदेश दिए गए है।