Rameshwaram Cafe blast: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए विस्फोट के मुख्य आरोपियों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार किया है। आरोपियों को कोलकाता में उनके ठिकाने से पकड़ा गया। आतंकवाद रोधी एजेंसी ने बताया कि मुसावीर हुसैन शाजिब ने कैफे में बम रखा था और अब्दुल मतीन ताहा विस्फोट का मास्टरमाइंड था।
फर्जी पहचान के तहत छिपे थे आरोपी
दोनों ही 2020 के एक आतंकी मामले में पहले से ही वांछित थे। NIA ने बताया कि अब्दुल मतीन ताहा ISIS के बेंगलुरु मॉड्यूल – अल हिंद से जुड़ा हुआ था। एनआईए ने बताया कि आरोपी फर्जी पहचान के तहत छिपे हुए थे। एक बयान में, एनआईए ने कहा कि आरोपियों को केंद्रीय खुफिया एजेंसियों और पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल के पुलिस कर्मियों के बीच आपस में तालमेल बनाकर की गई कार्रवाई में पकड़ा गया।
सूत्रों ने बताया कि शाजिब और ताहा दोनों को लगातार विदेशी हैंडलर से निर्देश मिल रहे थे। ये गिरफ्तारियां कर्नाटक सहित कई राज्यों में फैले स्लीपर सेल मॉड्यूल को उजागर कर सकती हैं। एनआईए को रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो प्रमुख संदिग्धों की तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड मिली है।
#WATCH | Kolkata | On Rameshwaram Cafe blast accused, Debashish Mallick Choudhary, Special Public Prosecutor representing NIA, says, "Special NIA court has granted three-days transit remand to produce them before appropriate NIA court in Bengaluru. One is the absconding accused… pic.twitter.com/N8yUeTnMH6
— ANI (@ANI) April 12, 2024
दोनों ने फरार होने के दौरान अपनाए ये रास्ते
विस्फोट के बाद, शाजिब बेंगलुरु मेट्रोपॉलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (बीएमटीसी) की बस से गोरागुंटेपल्या चला गया। वहां से वह एक सरकारी बस से तुमकुर चला गया। आरोपी बसें बदलता रहा और बल्लारी होते हुए कलबुर्गी पहुंचा। इसके बाद वह आंध्र प्रदेश के नेल्लोर पहुंचा। आंध्र प्रदेश से, शाजिब ओडिशा के रास्ते कोलकाता पहुंचा।
दूसरी ओर, अब्दुल मतीन ताहा अलग रास्ते से तमिलनाडु होते हुए कोलकाता चला गया। दोनों का आपस में संपर्क था और आखिरकार ये लोग कोलकाता में मिले। दोनों ही कोलकाता छोड़ने की फिराक में थे, तभी NIA के अधिकारियों ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
29 मार्च को, आतंकवाद रोधी एजेंसी ने दोनों आरोपियों के फोटो और विवरण जारी किए और उनमें से प्रत्येक के बारे में जानकारी देने वाले को 10 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की।
एजेंसी ने कहा था कि शाजिब अपनी पहचान छिपाने के लिए ‘मोहम्मद जुनैद सैयद’ नाम का इस्तेमाल कर रहा था। ताहा हिंदू पहचान दस्तावेजों और ‘विग्नेश’ नाम से जाली आधार कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था। पिछले महीने, NIA ने चिकमगलूर के रहने वाले मुजम्मिल शरीफ को गिरफ्तार कर लिया, जो कथित तौर पर मुख्य आरोपियों के साथ शामिल बताया जा रहा है।