National Pension System: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आज मोदी सरकार का 3.0 बजट पेश किया। बजट के दौरान वित्त मंत्री ने National Pension System (NPS) को लेकर बड़ा एलान किया। सरकार ने इस बजट में राज्य और केंद्र सरकार कर्मचारियों के एंप्लॉयर का National Pension System में कॉन्ट्रीब्यूशन 10% से बढ़ाकर 14% कर दिया है। इसमें 4 फीसदी का इजाफा किया गया है, जिसकी वजह से कर्मचारियों को लॉन्ग टर्म में अधिक फायदा होगा और उनकी टेक होम सैलरी पर भी प्रभाव होगा।
सरकार ने National Pension System को 10 फीसदी से 14 फीसदी बढ़ाने का फैसला लिया है। यह फैसला कर्मचारियों को रिटायरमेंट फंड जमा करने के लिए National Pension System को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। इसी प्रकार, प्राइवेट सेक्टर, पब्लिक सेक्टर के बैंकों और उपक्रमों में नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले कर्मचारियों की आय से वेतन के 14 फीसदी तक की कटौती का प्रावधान करने का प्रस्ताव है।
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NPS एक मार्केट लिंक्ड स्कीम
National Pension System एक मार्केट लिंक्ड स्कीम है और मौजूदा समय में रिटायरमेंट प्लान के लिहाज से ये खासी लोकप्रिय है। पहले ये स्कीम सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी, लेकिन साल 2009 के बाद से सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम को प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी शुरू कर दिया था। इसमें दो तरह के अकाउंट खोले जा सकते हैं। पहला एनपीएस टियर-1 एक रिटायरमेंट अकाउंट होता है, वहीं टियर-2 एक वॉलंटरी अकाउंट है।
40 फीसदी हिस्सा पेंशन खरीदने पर खर्च
एनपीएस योजना के तहत बेसिक सैलरी का 10 फीसदी कर्मचारी और 14 फीसदी सरकार की तरफ से योगदान दिया जाता है। मेच्योरिटी के बाद जमा पूरे फंड का 60 फीसदी तक पैसा कर्मचारी निकाल सकते हैं, जबकि 40 फीसदी हिस्सा पेंशन खरीदने पर खर्च किया जा सकता है।