BSP Chief Mayawati: बहुजन समाज पार्टी की कमान एक बार फिर से मायावती के हाथ होगी। आज राजधानी लखनऊ में BSP कार्यालय में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से मायावती को BSP सुप्रीमो के रूप में एक बार फिर से चुन लिया गया। वे आगामी पांच वर्षों तक पार्टी की अध्यक्ष बनी रहेंगी।
BSP सुप्रीमो मायावती लगातार 2003 से पार्टी की अध्यक्ष हैं। जानकारी के मुताबिक, बैठक में मायावती के उत्तराधिकारी आकाश आनंद पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर के पद पर बने हुए हैं।
बैठक में इन महत्वपूर्ण विषयों पर हुई चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में चार राज्यों (जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र) में होने वाले विधानसभा चुनाव पर चर्चा की गई। वहीं, यूपी में 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनाव को लेकर भी कार्य योजना बनाई गई। आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर होने के साथ अन्य जिम्मेदारियां भी सौंपी गई हैं। उन्हें कई जगहों का प्रभारी बनाया गया है।
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मायावती ने पार्टी के कार्यकर्ताओं को दिलाया भरोसा
पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर मायावती ने अभार प्रकट किया। उन्होंने देश भर में पार्टी के सभी छोटे-बड़े कार्यकर्ताओं और अनुयायियों को भरोसा दिलाया कि पार्टी और मूवमेन्ट के हित में न तो वह कभी रुकने वाली हैं और न ही झुकने वाली हैं।
मायावती ने कहा कि देश के बहुजनों के हित के लिए बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान का मूवमेन्ट अब इतना मज़बूत करना है कि इसको अब विरोधियों के साम, दाम, दण्ड, भेद आदि अनेकों प्रकार के जबरदस्त हथकंडे भी कमजोर ना कर सके।
पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने पर मायावती ने जताया आभार
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “मुझे (कु. मायावती जी को) आज एक बार फिर सर्वसम्मति से बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाने पर सभी लोगों का हार्दिक आभार तथा इसके लिए मुझे देश के कोने-कोने से बधाई देने वाले सभी लोगों का भी मैं दिल से शुक्रिया अदा करती हूँ।”
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मायावती ने पोस्ट में आगे लिखा, “उल्लेखनीय है कि बीएसपी के जन्मदाता व संस्थापक मान्य. श्री कांशीराम जी ने 15 दिसम्बर 2001 को सार्वजनिक तौर पर मुझे बीएसपी पार्टी व मूवमेन्ट का उत्तराधिकारी घोषित किया था और उनकी बीमारी के कारण 18 सितम्बर 2003 को पहली बार मैंने बीएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभाली।”
लंबे समय से संभाल रहीं पद
बता दें, हर पाच साल में बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होती है। बसपा के जनक कांशीराम की तबीयत बिगड़ने के बाद मायावती को पहली बार 18 सितंबर 2003 को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया था। तब से लेकर आज तक वह इस पद पर बनी हुई हैं।