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Monkeypox: कोरोना के बाद मंकीपॉक्‍स ने मचाया कहर, अब तक 100 की मौत

मंकीपॉक्‍स (Monkeypox)jh के खतरे को देखते हुए विश्व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने ग्‍लोबल हेल्‍थ इमरजेंसी घोष‍ित की, लेकिन कुछ ही घंटों बाद पता चला क‍ि यह बीमारी अफ्रीका से बाहर फैल गई है।
Monkeypox| shreshth bharat

Monkeypox: लोगों के मन से अभी कोरोना वायरस का डर गया भी नहीं था कि दुनिया में एक नई जानलेवा बीमारी ने दस्तक दे दी। इस नए वायरस का नाम मंकीपॉक्‍स (Monkeypox) है।

इस वायरस के खतरे को देखते हुए विश्व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) ने ग्‍लोबल हेल्‍थ इमरजेंसी घोष‍ित की, लेकिन कुछ ही घंटों बाद पता चला कि यह बीमारी अफ्रीका से बाहर फैल गई है।

अफ्रीका के बाहर स्‍वीडन में इसका पहला मरीज पाया गया है। बता दें कि अब तक अफ्रीकी देशों से इस बीमारी से 100 से ज्‍यादा लोगों ने अपनी जान गवाई है।

स्‍वीडन की पब्‍ल‍िक हेल्‍थ सर्विस के अध‍िकार‍ियों ने बताया क‍ि ज‍िस शख्‍स में मंकीपॉक्‍स (Monkeypox) के संक्रमण की पुष्टि हुई है, वह कुछ दिनों पहले ही अफ्रीका से होकर आया था। अभी वह एमपॉक्स क्लेड 1 वेर‍िएंट के संक्रमण की चपेट में है।

स्‍टॉकहोम में उसका इलाज चल रहा है। महामारी रोग विशेषज्ञ मैग्नस गिसलेन ने बताया कि ऐसा माना जा रहा क‍ि यह मरीज अफ्रीका के एक ऐसे क्षेत्र की यात्रा करके लौटा है, जहां एमपॉक्स क्लेड I वेर‍िएंट का प्रकोप है। पहले भी एमपॉक्स से पीड़ित मरीजों का इलाज किया जा चुका है, लेकिन इस बार एजेंसी ज्यादा सतर्क है।

बीमारी ने ली 450 लोगों की जान

दो साल में यह दूसरी बार है जब इसकी वजह से WHO को ग्‍लोबल हेल्‍थ इमरजेंसी घोषित करना पड़ा है। इससे पहले डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो में नए वैरिएंट का प्रकोप देखने को मिला था। तब इस संक्रमण के कारण कम से कम 450 लोगों की मौत हो गई थी।

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मध्य और पूर्वी अफ्रीका के इलाकों यह तेजी से फैली थी। लेकिन अब जो संक्रमण फैल रहा है, इसकी चपेट में 15 से ज्यादा देश आ चुके हैं। ‘अफ्रीका सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन’ ने कहा था क‍ि मंकीपॉक्‍स से अब तक 500 से अधिक मौतें हुई हैं। दुनिया को सतर्क हो जाना चाह‍िए।

क्लेड 1 वेर‍िएंट है ज्यादा खतरनाक

स्वीडन के सामाजिक मामलों के मंत्री जैकब फोर्समेड ने बताया क‍ि एमपॉक्स के दो प्रकार हैं। क्लेड 1 और क्लेड 2। 2022 में क्लेड 2 वैरिएंट का प्रकोप ज्यादा था। स्वीडन में भी इसका मरीज पाया गया था, लेकिन बाद में उसे काफी हल्‍का माना गया।

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क्लेड 1 वेरिएंट से जिस तरह संक्रमण फैल रहा है, वो चिंता की बात है। बता दें कि एमपॉक्स शारीरिक संपर्क से फैलता है। इससे शरीर पर गांठदार दाने बन जाते हैं। तेज बुखार होता है। असहनीय दर्द से शरीर कांपने लगता है। अब तक इसके इलाज के बारे में कुछ खास जानकारी नहीं है।


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