दिल्ली सरकार और LG एक बार फिर से आमने सामने हैं। नया मामला पर सुप्रीम कोर्ट में वकीलों के बिलों को रोकना। एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में है। इस बार मुद्दा है वकीलों का बिल क्लियर ना करना। दिल्ली सरकार का ऐसा आरोप है कि एलजी दिल्ली सरकार के वकीलों का बिल क्लियर नहीं कर रहे हैं। इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार का बचाव करने वाले वकीलों के बिल नहीं रोके जा सकते। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि इसे प्रतिष्ठा का विषय नहीं बनाया जाना चाहिए।
दिल्ली सरकार SC में दाखिल की अर्जी
आपको बता दें, दिल्ली सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की गई थी, जिसमें कहा गया है कि दिल्ली के उपराज्यपाल और केंद्र सरकार वकीलों की नियुक्ति में दखल दे रहे हैं। ये वकील दिल्ली सरकार का कोर्ट में बचाव करते हैं। इस मामले की सुनवाई करते हुए देश की सबसे बड़ी अदालत ने मौखिक तौर पर कहा कि वकीलों के बिल को क्लियर किया जाना जरूरी है।
23 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
दिल्ली सरकार की अर्जी पर अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई हो होगी। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना की अगुवाई वाली बेंच करेगी। आपको बता दें, संजीव खन्ना वहीं जस्टिस हैं जिन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी है।
आम आदमी पार्टी कैसे करें अपना बचाव- दिल्ली सरकार
दिल्ली सरकार की ओर से दी गई अर्जी में कहा गया है कि आम आदमी पार्टी की सरकार खुद का बचाव कोर्ट में कैसे करें, क्योंकि उनके वकीलों का बिल तक रोका जा रहा है। यह मामला इसलिए उठ रहा है, क्योंकि दिल्ली सरकार ने केंद्र के खिलाफ याचिका दायर की है। जस्टिस खन्ना की अगुवाई वाली बेंच ने हालांकि इस मामले में शुक्रवार को कोई आदेश पारित नहीं किया। हालांकि, सॉलिसिटर जनरल से कहा कि जहां तक बिल का सवाल है, तो उसे नहीं रोका जा सकता है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह इस विवाद को देखेंगे।