लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी ओडिशा में बीजद के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकती है। मतलब बीजेपी और बीजद का लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार की शाम बीजद नेताओं ने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक के बाद बीजद के बड़े नेता भाजपा के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं। बीजद नेताओं का दिल्ली में बैठे बीजेपी हाईकमान से बातचीत करना काफी कुछ संकेत दे रहा है। क्या इन दोनों पार्टियों में गठबंधन होगा। क्योंकि, इससे पहले भी बीजद एनडीए का हिस्सा रह चुकी है। करीब दो दशकर पहले अटल सरकार को भी बीजद की ओर से समर्थन दिया गया था।
इससे पहले भाजपा और बीजद 15 साल पहले एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। क्या वह इसके बाद भी एक साथ चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकते है। भाजपा लोकसभा चुनाव से अपने कुनबा बढ़ाने में लगी हुई हैं। सूत्रों के मुताबिक, ओडिशा मे बीजेपी और बीजद के एक साथ चुनाव लड़ने की बातचीत अंतिम पड़ाव पर पहुंच गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बीजद जल्द ही भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की घोषणा कर सकती है। ओडिशा के बीजेपी नेताओं ने गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष से मुलाकात करके इस गठबंधन को आगे बढ़ाने के लिए बात की है।
ओडिशा में 21 लोकसभा सीट है। जिसमें से भाजपा ने 8 और बीजद ने 12 सीट पर जीत हासिल की थी।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, ओडिशा बीजेपी अध्यक्ष मनमोहन सामल और पूर्व केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम यहां कोर कमेटी की बैठक में शामिल हुए थे। ओरम ने बताया कि भाजपा लोकसभा में ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो वहीं क्षेत्रीय पार्टी बीजद राज्यसभा की ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। भाजपा और बीजद के 2009 में गठबंधन टूट गया था। अब यह गठबंधन एक बार फिर से लोकसभा चुनाव में जुड़ने जा रहा है। हाल ही में मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने एक रैली में सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे की तारीफ करते हुए नजर आए थे। इसके बाद वह भाजपा का संसद में समर्थन करते हुए नजर आए है।