Nag Panchami 2024: आज यानी शुक्रवार को देशभर में नाग पंचमी का त्योहार मनाया जा रहा है। ये त्योहार हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता को खुश करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना की जाती है।
आपको बता दें कि शेषनाग भगवान श्री हरि विष्णु की शैय्या हैं । यहां तक की भगवान शिव ने भी अपने गले में नाग देवता को धारण किया हुआ है। इसलिए नाग देवता को हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण माना गया है। कुछ स्थानों पर नाग पंचमी अलग तरीके से मनाई जाती है।
उत्तर प्रदेश में नाग पंचमी एक अलग ही परंपरा के साथ मनाई जाती है। यहां नाग पंचमी के दिन उत्तर प्रदेश में गुड़िया पीटने का रिवाज है। आइए आपको बताते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है…
Nag Panchami 2024: गुड़िया पीटने की परंपरा के पीछे की कथा
कहा जाता है कि तक्षक नाग के काटने से राजा परीक्षित की मौत हो गई थी। इसके कुछ सालों बाद तक्षक की चौथी पीढ़ी की कन्या का विवाह राजा परीक्षित की चौथी पीढ़ी से हुआ। विवाह के बाद कन्या ने राजा परीक्षित की मौत के पीछे का कारण एक सेविका को बता दिया।
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कन्या ने सेविका से कहा कि वो ये बात किसी और को न बताए, लेकिन सेविका यह बात एक दूसरी सेविका को बता दी। इस तरह यह बाद पूरे नगर में फैल गई और सबको राजा परीक्षित की मौत के कारण का पता चल गया।
ये बात जब तक्षक के राजा तक पहुंची तो उन्हें क्रोध आ गया। उन्होंने नगर की सभी औरतों को चौराहे पर इकट्ठा किया। इसके बाद कोड़ों से पिटवा कर उन्हें मरवा दिया। राजा को इस बात का गुस्सा था कि औरतों के पेट में कोई बात नहीं पचती।
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इस कारण ही उसकी पीढ़ी से जुड़ी अतीत की एक पुरानी बात पूरे राज्य में फैल गई। कहा जाता है कि तभी से ही उत्तर प्रदेश में गुड़िया पीटने की परंपरा शुरु हो गई।