Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पावन पर्व आज है। इस साल की महाशिवरात्रि समस्त विश्व के लिए कल्याणकारी है। शिव पूजा करने से व्यक्ति के रोग, दोष, कष्ट आदि मिटते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। तो चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि की पूजा विधि, पूजन सामग्री, मुहूर्त, मंत्र और जलाभिषेक समय के बारे में…
महाशिवरात्रि की सही तारीख
उज्जैन के महर्षि पाणिनि संस्कृत के ज्योतिषाचार्य डॉ. विनोद तिवारी के अनुसार, उदयातिथि के आधार पर चतुर्दशी तिथि 27 फरवरी की है, लेकिन महाशिवरात्रि व्रत के लिए उदयातिथि की मान्यता नहीं है। महाशिवरात्रि व्रत के लिए निशिता पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखा जाता है, जो चतुर्दशी तिथि में होनी चाहिए। इस आधार पर देखें तो महाशिवरात्रि की चतुर्दशी तिथि 26 फरवरी की रात्रि में है। 27 फरवरी को सुबह में चतुर्दशी तिथि खत्म हो जा रही है। ऐसे में महाशिवरात्रि की सही तारीख 26 फरवरी है।
महाशिवरात्रि पूजा मुहूर्त
26 फरवरी को जब चतुर्दशी तिथि लग रही है, तब से आप महाशिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं। हालांकि उससे पूर्व प्रदोष व्रत की त्रयोदशी तिथि है, जो शिव जी को ही समर्पित है। महाशिवरात्रि की निशिता पूजा मुहूर्त देर रात 12:09 ए एम से 12:59 ए एम तक है।
महाशिवरात्रि पर राहुकाल
वहीं, महाशिवरात्रि पर राहुकाल दोपहर में 12 बजकर 34 मिनट से दोपहर 02:00 बजे तक है। इस समय में कालसर्प दोष के लिए पूजा की जाती है।
महाशिवरात्रि व्रत पारण समय
जो लोग 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का व्रत रखेंगे, वे व्रत का पारण 27 फरवरी को करेंगे। महाशिवरात्रि व्रत का पारण 27 फरवरी को सुबह 06 बजकर 48 मिनट से 08 बजकर 54 मिनट के बीच कभी भी कर सकते हैं। पारण से पूर्व आपको स्नान, दान कर लेना चाहिए।
इस साल महाशिवरात्रि पर भद्रा भी है। भद्रा का समय दिन में 11 बजकर 8 मिनट से रात 10 बजकर 05 मिनट तक है। लेकिन शिव पूजा में भद्रा, पंचक, राहुकाल आदि का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। शिव स्वयं महाकाल हैं, जो काल से परे हैं। महाशिवरात्रि पर भद्रा का वास पाताल लोक में है।