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बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में सर्वधर्म रैली की


आज पूरा देश रामोत्जिसव में डूबा था वहीं इसके इतर लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इंडिया गठबंधन और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी दिन को अपनी सद्भावना रैली के लिए चुना। मानुा जा रहा है कि उन्होंने केंद्र को कटघरके में खड़ा करने की नियत से ऐसा किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कोलकाता में सर्व-विश्वास रैली (संहति रैली) आयोजित कर विपक्ष को आड़े हाथों लेने की कोशिश की। इस अवसर पर, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने कहा कि संहति रैली ने सभी धर्मों के लिए एकजुटता प्रदर्शित की।

टीएमसी ने एक्स पर पोस्ट किया कि “एकता सभी धर्मों के केंद्र में है! आज, संहति रैली में, ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के साथ विविध मान्यताओं की एकता के लिए समर्थन व्यक्त करने के लिए भारी भीड़ एकत्र हुई। यह एक मनमोहक दृश्य था क्योंकि विभिन्न पृष्ठभूमि के लोगों ने एकजुटता दिखाते हुए एक साथ मार्च किया।
इससे पहले, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जानकारी दी थी कि संहति रैली रास्ते में मस्जिदों, मंदिरों, चर्चों और गुरुद्वारों को कवर करेगी। उन्होंने कहा, “रैली में शामिल होने के लिए हर किसी का स्वागत है। रैली में सभी धर्मों के लोग होंगे।”
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में आज अयोध्या में भगवान राम की नई मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ।


वहीं इसके इतर प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मंदिर शहर में भव्य कार्यक्रम में भाग लेते हुए कहा कि राम लला की मूर्ति के अनावरण का क्षण न केवल विजय का बल्कि विनम्रता का भी अवसर है। यह उत्सव का क्षण होने के साथ-साथ भारतीय समाज की परिपक्वता का भी प्रतिबिंब है। यह न केवल विजय का बल्कि विनम्रता का भी अवसर है। विश्व का इतिहास स्वयं इस बात का प्रमाण है कि कई देश अपने ही इतिहास में उलझ जाते हैं और ऐसे देशों को इसका सामना करना पड़ता है।” जब उन्होंने अपनी समस्याओं को हल करने की कोशिश की, तो कठिनाइयाँ आईं, लेकिन जिस तरह से हमारे देश ने इतिहास की गांठें खोलीं, वह इस बात का प्रमाण है कि हमारा भविष्य हमारे अतीत से भी अधिक सुंदर होने वाला है।


पीएम ने कहा कि मंदिर का निर्माण, जिसे ‘आग भड़काने वाला’ माना जाता था, शांति, धैर्य, सद्भाव और देश की एकता का प्रतीक है। “एक समय ऐसा भी था जब कुछ लोग कहा करते थे, ‘राम मंदिर बन जाएगा तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत की सामाजिक भावना की पवित्रता को नहीं समझ सकते।’ रामलला का यह मंदिर भारतीय समाज में शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। हम देख रहे हैं कि यह निर्माण किसी अग्नि को नहीं, बल्कि ऊर्जा को जन्म दे रहा है।”
पीएम ने यह भी कहा कि अयोध्या का मंदिर राम के रूप में राष्ट्रीय चेतना का मंदिर है।



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