Aparajita Woman and Child Bill: पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने विधानसभा में दुष्कर्म विरोधी संशोधन विधेयक पेश किया। इस बिल में दुष्कर्म के दोषियों को फांसी की सजा देने का प्रावधान किया गया है। ममता सरकार ने इस नए कानून को ‘अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक’ नाम दिया है। इस बिल के तहत दुष्कर्म पीड़िता की मौत होने की स्थिति में दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान रखा गया है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में महिला डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामले को लेकर ममता सरकार पर कई तरह के सवाल उठाए गए थे। ममता बनर्जी से सीएम पद से इस्तीफा देने की भी मांग की गई थी।
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इस नए विधेयक के अनुसार, दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों के अंदर मृत्युदंड (फांसी) की सजा सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। साथ ही, विपक्ष के विधायकों ने भी इस कानून का समर्थन किया है। आज ही सदन से पारित होने के बाद इसे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
इस नए कानून की तीन बड़ी बातें
- अगर किसी महिला का दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर दी जाती है तो ऐसा करने वाले आरोपी को मृत्युदंड दिया जाएगा।
- किसी महिला के साथ दुष्कर्म हुआ हो तो इसके अपराधी को को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया गया है।
- किसी नाबालिग के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 साल की कैद और मौत की सजा दोनों का प्रावधान किया गया है।
सभी भाइयों और बहनों का धन्यवाद: सीएम ममता बनर्जी
विधान सभा में सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “मैं अपने सभी भाइयों और बहनों का धन्यवाद करती हूं और कहना चाहती हूं कि मैं हर वक्त महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ूंगी। यह इतिहास को दोहराने और लड़कियों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने का मामला है।”
अभिषेक बनर्जी ने केंदेर सरकार से की बड़ी मांग
वहीं, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने केंद्र सरकार से बड़ी मांग करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार की तरह केंद्र सरकार भी दुष्कर्म के लिए कड़ा कानून बनाए और उसे अगले सत्र में पेश करें।
उन्होंने कहा, “हर 15 मिनट में एक दुष्कर्म होने के भयावह आंकड़े को देखते हुए, एक व्यापक दुष्कर्म विरोधी कानून की मांग पहले से कहीं ज्यादा उठ रही है। बंगाल अपने दुष्कर्म विरोधी विधेयक के मामले में सबसे आगे है। न्याय जल्दी मिले और सजा गंभीर दी जाए। आरोपी का ट्रायल और दोषसिद्धि 50 दिनों में समाप्त होनी चाहिए।”