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बिल पेश करते ही लगे जयश्री राम के नारे, UCC विधेयक विधानभा में पेश किया गया

CM Pushkar Dhami | SHRESHTH BHARAT

जयश्री राम , जयश्री राम , जयश्री राम। जी हाँ आप सही पढ़ रहे हैं, मंगलवार को जैसे ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा में बिल पेश किया। सदन में मौजूद सदस्य जयश्री राम के नारे लगाने लगे। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज राजधानी देहरादून में विधानसभा में समान नागरिक संहिता (UCC) 2024 विधेयक पेश किया। यूसीसी पर विधेयक लाने के लिए सोमवार से ही उत्तराखंड विधानसभा का चार दिवसीय विशेष सत्र शुरू हो गया था। आज यूसीसी पर सिर्फ चर्चा होगी। कल यूसीसी बिल पास हो सकता है। सत्र को लेकर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है और पूरे प्रदेश में पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है।

इस बिल में विवाह पर क्या है प्रावधान

उत्तराखंड में पेश बिल के चौथे पॉइंट में लिखा है, ‘विवाह के समय न तो वर की कोई जीवित पत्नी हो और न वधू का कोई जीवित पति हो।’ मुसलमानों में एक से ज्यादा शादियां जायज हैं लेकिन इस बिल के पास होने के बाद ऐसा संभव नहीं होगा हालांकि विवाह अनुष्ठानों पर किसी तरह के प्रतिबंध का प्रस्ताव नहीं है। इसके अलावा 33-34वें नंबर पर लिखा है कि भरण-पोषण और गुजारा भत्ते का अधिकार वर और वधू दोनों को प्राप्त होगा। बिल में साफ लिखा है – सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए शादी का पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।

रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी को लेकर अपने सरकारी निवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई थी, जिसके बाद यूसीसी के मसौदे को मंजूरी दी गई थी। विधानसभा में यह सत्र 5 से 8 फरवरी तक चलने वाला है।

बिल पेश करने से पहले क्‍या बोले धामी?

बिल को पेश किए जाने से पहले मुख्यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के नागरिकों को एक समान अधिकार देने के उद्देश्य से आज विधानसभा में समान नागरिक संहिता का विधेयक पेश किया जाएगा। यह सभी राज्यवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि हमें यूसीसी को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ने वाले देश के पहले राज्य के रूप में जाना जाएगा।

740 पृष्ठों का था मसौदा

उत्तराखंड कैबिनेट ने रविवार को यूसीसी के अंतिम मसौदे को मंजूरी दी थी, जो जाति और धर्म के बावजूद राज्य में सभी समुदायों के लिए समान नागरिक कानून का प्रस्ताव करता है। चार खंडों में 740 पृष्ठों के इस मसौदे को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री को सौंपा था।

विधानसभा 2022 चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा जनता से किए गए प्रमुख वादों में यूसीसी पर अधिनियम एक प्रमुख वादा था जिसे धामी सरकार ने पूरा कर लिया हैं। हांलाकि वर्ष 2000 उत्तराखंड राज्य में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज करने का इतिहास रचने के बाद भाजपा ने मार्च 2022 में सरकार गठन के तत्काल बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक में ही यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति के गठन को मंजूरी दे दी थी।

यूसीसी लागू होने के बाद क्या होंगे बदलाव

उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। यूसीसी के अंतग्रत प्रदेश में सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, जमीन, संपत्ति और उत्तराधिकार के समान कानून लागू होंगे, चाहे वे किसी भी धर्म के हों।

मुस्लिम इलाकों में बढ़ाई गई सुरक्षा

उत्तराखंड के हल्द्वानी में सुरक्षा बल की तैनाती की गई है। मुस्लिम बहुल इलाकों में यूसीसी को लेकर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी हैं। बनभूलपुरा, इंदिरा नगर, गांधी नगर, शनि बाजार की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। खुद एसपी सिटी, सीओ इलाको का दौरा कर रहे हैं।

वहीं, इस बिल पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन का कहना है कि अगर यूसीसी कुरान में मुसलमानों को दी गई हिदायत के खिलाफ है तो हम नहीं मानेंगे। अगर ये बिल कुरान के हिसाब से है तो हमें कोई ऐतराज नहीं है। सपा सांसद का कहना था कि ट्रिपल तलाक पर भी कानून है लेकिन लोग मान नहीं रहे हैं। यह देश धार्मिक देश है। हिंदू भाई अपने धर्म से जुड़े हैं, उनके अपने रीति-रिवाज है। मेरे यहां निकाह होता है, मेरे यहां दफन किया जाता है हिंदुओं में विवाह होता है, वहां जलाया जाता है। अगर हम दुनिया के मुसलमान कुरान को ‘अल्लाह का कानून’ मानते हैं तो हम कुरान को ही फॉलो करेंगे।

इस बिल पर कांग्रेस कुछ भी ठीक से नहीं बोल पा रही है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि वो यूसीसी के खिलाफ नहीं है लेकिन जिस तरीके से इसे सदन में पेश किया गया है उसके खिलाफ जरूर हैं। उत्तराखंड नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि बीजेपी इस बिल को सीधे पास कराना चाहती है। कांग्रेस विधायक ने कहा कि हमें पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए जिससे हम इसे पढ़कर अपनी बात रख सकें। न्होंने कहा कि सरकार यूसीसी के ड्राफ्ट को तुरंत लागू क्यों करना चाहती है? विपक्ष ने इस ड्राफ्ट को पढ़ने का समय मांगा है, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दो बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी।


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