Surya Abhishek Of Ramlala On Ram Navami: अयोध्या में भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के अवसर पर दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्याभिषेक होगा। इसको लेकर वैज्ञानिक परीक्षण कर रहे हैं। बता दें, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की (CBRI) के वैज्ञानिकों ने सफल परीक्षण कर लिया है। वैज्ञानिकों ने दर्पण के जरिये सूर्य की किरण को भगवान के मस्तक पर पहुंचा दिया है। अब रामनवमी के अवसर पर रामलला के ललाट पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी और रामलला का सूर्य तिलक होगा।
कितने बजे होगा रामलला का सूर्याभिषेक ?
इस बार की रामनवमी बेहद खास है, जिसको लेकर सरकार, प्रशासन और अयोध्यावासी जोर-शोर से तैयारियां में जुटे हैं। 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद श्रीराम जन्मोत्सव के अवसर पर अयोध्या में भव्य नजारा देखने को मिलेगा। भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के अवसर पर दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्याभिषेक होगा। सूर्य की किरणें रामलला के ललाट पर अद्भुत छटा बिखेरेंगी। बता दें, इसको लेकर वैज्ञानिकों ने एक प्रयोग किया था, जोकि पूरी तरह सफल रहा। इस सफल प्रयोग के जरिए रामनवमी पर मंदिर में भव्य नजारा दिखाई देगा।
वैज्ञानिकों ने किया सफल परीक्षण
दरअसल, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टिट्यूट रुड़की (CBRI) के वैज्ञानिक रामनवमी के अवसर पर प्रभु रामलला के जन्म के बाद उनके ललाट पर सूर्य की किरणों से सूर्याभिषेक करने के सिस्टम को अंतिम रूप देने में लगे हैं, जिसमें उनकों सफलता मिली है। वैज्ञानिकों ने दर्पण के माध्यम से सूर्य की किरणों को रामलला के मस्तक पर पहुंचा दिया है। सूर्य की किरणें 4 मिनट तक रामलला के ललाट पर अद्भुत छटा बिखेरेंगी। मंदिर ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र के मुताबिक, फाइनल टेस्टिंग शनिवार को होगी। इसमें सफलता मिलने के बाद सूर्याभिषेक का कार्यक्रम फाइनल हो जाएगा। प्रभु रामलला के ललाट को 75 मिलीमीटर की सूर्य किरण से प्रकाशित किया जाएगा।
वैज्ञानिकों का प्रयास सराहनीय और अद्भुत
श्रीराम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि रामनवमी के दिन रामलला के सूर्यतिलक का परीक्षण पूरा कर लिया है। उन्होंने कहा वैज्ञानिकों ने जिस तरह प्रयास किया है, वह बहुत सराहनीय और अद्भुत है। जैसे ही सूर्य की किरणें प्रभु राम के माथे पर पड़ी, ऐसा लगा जैसे भगवान सूर्योदय कर रहे हैं।