PM Modi Wayanad Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वायनाड के दौरे पर हैं। उन्होंने वायनाड में प्रभावित स्थलों का हवाई और जमीनी सर्वेक्षण करने के बाद शनिवार को समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में 30 जुलाई को हुए भीषण भूस्खलन में 300 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। बैठक में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी, राज्य मंत्री ए राजन, एके ससींद्रन, पीए मोहम्मद रियास और केरल के एडीजीपी (कानून व्यवस्था) एमआर अजित कुमार शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने हरसंभव सहायता का दिया आश्वासन
बैठक के दौरान पीएम मोदी ने राज्य और बचे लोगों को पुनर्वास में हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के सभी अनुरोधों को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि जैसे ही उन्हें वायनाड में भूस्खलन की स्थिति के बारे में जानकारी मिली, तुरंत ही एक राज्य मंत्री को स्थिति का जायजा लेने के लिए केरल भेजा गया। साथ ही, बचाव और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ, सेना और वायुसेना की टीमों को तैनात किया गया।
भूस्खलन से प्रभावित लोगों से मिलकर दिल भारी हो गया: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित स्थलों का दौरा करने और राहत शिविर में बचे लोगों से मिलने पर उनका दिल भारी हो गया। उन्होंने पुनर्वास में सामूहिक प्रयासों के महत्व पर प्रकाश डाला। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने राहत शिविर का दौरा किया और वायनाड में भूस्खलन से बचे लोगों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने शिविर में बचे लोगों से भी बातचीत की।
‘मैंने आपदा को बहुत करीब से देखा है’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मैंने आपदा को बहुत करीब से देखा और अनुभव किया है। करीब 45-47 साल पहले गुजरात के मोरबी में एक बांध था। भारी बारिश हुई और बांध पूरी तरह से नष्ट हो गया और मोरबी शहर में पानी घुस गया। पूरे शहर में 10-12 फीट पानी भर गया। 2,500 से अधिक लोग मारे गए। मैं वहां स्वयंसेवक के तौर पर करीब 6 महीने तक रहा…मैं इन परिस्थितियों को अच्छी तरह से समझ सकता हूं और मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि देश और भारत सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी।
प्रधानमंत्री ने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का किया हवाई सर्वेक्षण
प्रधानमंत्री ने क्षेत्र में राहत और पुनर्वास प्रयासों की समीक्षा करने के लिए आपदा स्थल का दौरा करने से पहले वायनाड में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी हेलीकॉप्टर में प्रधानमंत्री के साथ थे। प्रधानमंत्री ने प्रभावित स्थलों का जमीनी स्तर पर जायजा लिया। इस दौरान उन्हें केरल के एडीजीपी (कानून व्यवस्था) एमआर अजित कुमार ने स्थिति से अवगत कराया।
भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग
केरल के सीएम पिनाराई विजयन ने केंद्र सरकार से वायनाड में आए भूस्खलन को राष्ट्रीय आपदा और गंभीर आपदा घोषित करने का अनुरोध किया है। केंद्र ने राज्य के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने और स्थिति की समीक्षा करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल (IMCT) का गठन किया है। यह दल 8 अगस्त से 10 अगस्त तक प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगा।
दूसरे स्थानों पर बसाए जाएंगे भूस्खलन से प्रभावित लोग
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, केरल सरकार ने भूस्खलन से प्रभावित लोगों को तत्काल सहायता देने का आश्वासन दिया है और उन्हें दूसरे स्थान पर बसाने में मदद की जाएगी। मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में प्रभावित सभी लोगों को यह सहायता मिलेगी। जिन परिवारों ने अपनी आजीविका खो दी है, उनके एक वयस्क सदस्य को 300 रुपये का दैनिक भत्ता मिलेगा। यह लाभ प्रति परिवार अधिकतम दो व्यक्तियों को मिलेगा।
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