अपनी मांगों को लेकर किसान दिल्ली आना चाह रहे हैं। किसान सरकार पर वादा पूरा ना करने का आरोप लगा रहे हैं। इसी बीच मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसानों को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखनी चाहिए। बातचीत से ही कोई हल निकल सकता है। दिल्ली जाने पर रोक नहीं है, यह सबका अधिकार है, लेकिन आपका कोई मकसद तो हो।
मुख्यमंत्री ने पिछले साल हुए किसान आंदोलन को याद करते हुए कहा कि पिछले साल क्या हुआ था वो हम सबने देखा है। आम लोगों को किन-किन परेशानियों से गुजरना पड़ा था, यह भी किसी से छुपा नहीं है।
पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि पंजाब में जो सरकार अनुभव कर रही है, वो अभी नया है। अगर कोई हरियाणा जैसी परेशानियों को झेलेगा फिर समझ आएगा की परेशानी क्या होती है। हरियाणा के किसान संतुष्ट है, पंजाब को अपने किसानों को देखना चाहिए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब के किसानों से अपील की कि किसानों को अपनी परेशानियों को सरकार के सामने रखे, और पंजाब सरकार से भी अपिल है कि वो आपकी परेशानियों को ध्यान से सुनकर उनका समाधान करेंगी। हरियाणा सरकार भी अपने किसानो को फसल का उत्पादन करने पर उस फसल की सही कीमत देने के लिए भावांतर भरपाई कर रही है।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा के बजट को लेकर कहा कि बजट जनहित का है। इस दौरान मनोहर लाल खट्टर ने यह भी कहा कि ऊर्जा हम सबकी लाइफलाइन है। जिस युग में हम चल रहे हैं उसमें ऊर्जा जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग बन गया है। हरियाणा में पिछले 9 साल में ऊर्जा के क्षेत्र में बहुत महत्वपूर्ण काम किया गया है।
2014 में जब हमारी सत्ता आई थी तब डिमांड 9 हजार मेगावाट थी अभी बिजली की डिमांड बढ़कर 14 हजार मेगावाट हो गई है। हम लगातार इसकी पूर्ती के लिए काम कर रहे है। तो वहीं पंचायत के कार्यों के लेबर रेट में बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब ग्राम पंचायतो को कोई भी समस्या नहीं होगी।