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अब कोर्ट सुनाएगा फैसला और AI लिखेगा, पहले हाइब्रिड कोर्ट रूम की हुई शुरुआत

दिल्ली हाईकोर्ट में अब जज फैसला सुनाएंगे और उसे AI लिखेगा। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में ‘स्पीच टू टेक्स्ट फैसिलिटी’ वाली पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम का उद्घाटन किया गया है।
First Pilot Hybrid Court Room| SHRESHTH BHARAT

First Pilot Hybrid Court Room: दिल्ली हाईकोर्ट में अब जज फैसला सुनाएंगे और उसे AI लिखेगा। दरअसल, दिल्ली हाईकोर्ट में ‘स्पीच टू टेक्स्ट फैसिलिटी’ वाली पहली आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम का उद्घाटन किया गया है। अब दिल्ली की अदालत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जज द्वारा सुनाए गए फैसले को रिकॉर्ड करेगा और टाइप करेगा। इस नई टेक्नोलॉजी की मदद से जजों और कोर्ट स्टाफ खासकर स्टोनोग्राफर्स के काम करने की क्षमता बढ़ेगी और समय की बचत होगी।

डिजिटल कोर्ट ऐप भी हुआ लॉन्च

दिल्ली हाईकोर्ट के Acting Chief Justice मनमोहन ने तीस हजारी कोर्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पायलट हाइब्रिड कोर्ट रूम का (AI-equipped pilot hybrid courtroom) का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने डिजिटल कोर्ट ऐप भी लॉन्च किया।

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इसपर बात करते हुए जस्टिस मनमोहन ने कहा, ‘कानूनी व्यवस्था को बेहतर बनाने और न्याय देने में देरी को कम करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। पायलट हाइब्रिड कोर्ट में साक्ष्य रिकॉर्डिंग के लिए स्पीच-टू-टेक्स्ट सुविधा है’। बता दें, डिजिटल कोर्ट एप्लिकेशन न्यायिक अधिकारियों के लिए सभी ई-फाइल किए गए मामलों तक पहुंचाने में भी मददगार है।

न्यायमूर्ति मनमोहन ने इसपर जोर देते हुए कहा कि हमें कानूनी प्रणाली में सुधार करने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जिन लोगों पर अपराध का आरोप है, उन्हें सजा दी जाए और देरी को कम करना होगा। यह सुनिश्चित करने का एकमात्र तरीका है सिस्टम में अच्छी तकनीक लाई जाए।

First Pilot Hybrid Court Room: स्पीच-टू-टेक्स्ट है गेम चेंजर

एसीजे ने साक्ष्य रिकॉर्डिंग के लिए स्पीच-टू-टेक्स्ट सुविधा को बहुत शक्तिशाली उपकरण बताया। उन्होंने कहा कि ये गेम-चेंजर बन सकता है। न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि AI तकनीक का बेहतर उदाहरण है।
बता दें, ‘डिजिटल कोर्ट एप्लिकेशन’ एक डेस्कटॉप एप्लिकेशन है। इसमें कई विशेषताएं है, जैसे दस्तावेज़ अपलोड फ़ंक्शन, जो यह सुनिश्चित करता है कि अदालत में प्रस्तुत किए गए सभी भौतिक दस्तावेज़ केस सूचना प्रणाली (सीआईएस) में डिजिटल रूप में भी उपलब्ध हैं (First Pilot Hybrid Court Room)।

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