दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं। कथित शराब घोटाला मामले में ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। केजरीवाल के वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी तो ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट में अपनी अपनी दलीलें पेश कीं। पक्ष-विपक्ष की दलीलें सुनने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला कुछ देर के लिए सुरक्षित रख लिया। फिर देर शाम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया जिसमें केजरीवाल को ईडी की हिरासत से मुक्ति नहीं मिल पाई। इसके अलावा कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारी कर 2 हफ्ते में जवाब भी मांगा है। अब 2 अप्रैल को हिरासत के खिलाफ सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने ईडी से 2 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अपनी दलील में कहा कि आचार संहिता के दौरान एक मुख्यमंत्री को गिरफ्तार किया गया। यदि आप समान खेल के मैदान को बाधित करने के लिए कुछ करते हैं, तो आप लोकतंत्र के दिल पर चोट करते हैं। सवाल गिरफ़्तारी के समय का है। मेरी प्रार्थना है कि मुझे अभी रिहा कर दें क्योंकि मेरी गिरफ़्तारी की बुनियाद ही गलत है, यही मेरी अंतरिम प्रार्थना है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष कहा कि धारा 19 के तहत गिरफ्तारी की आवश्यकता महत्वपूर्ण है। गिरफ्तारी की शक्ति न तो गिरफ्तारी की आवश्यकता या गिरफ्तारी के दायित्व के बराबर है।
दिल्ली हाई कोर्ट की जज स्वर्ण कांता शर्मा कहा कि वह मुख्य याचिका पर ईडी को नोटिस जारी करेगी। कोर्ट ने कहा कि अगर केजरीवाल अंतरिम राहत मांग रहे हैं, उस पर विचार किया जाएगा। ईडी की तरफ से एस वी राजू ने इस पर ऐतराज जताया। एस वी राजू ने कहा कि हम इस पर अपना जवाब देना चाहते हैं, इसके लिए हमें थोड़ा वक्त चाहिए। फैसले में कोर्ट ने ईडी से 2 अप्रैल तक जवाब मांगा है। आपको बता दें कि 28 मार्च को केजरीवाल की रिमांड खत्म हो रही थी। ईडी के अनुरोध पर दिल्ली हाई कोर्ट ने 22 मार्च को 6 दिन के रिमांड की इजाजत दी थी। इस मामले की अब 3 अप्रैल को अगली सुनवाई होगी।