सुप्रीम कोर्ट ने आज यानी 16 अक्टूबर को आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा की राज्यसभा से अनिश्चितकालीन निलंबन को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने के लिए सहमत हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने राघव चड्ढा का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील राकेश द्विवेदी और वकील शादान फरासत की दलीलों पर गौर किया कि निलंबन विशेष सत्र से आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है जिसके दौरान सदस्य को निलंबित किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर ही राज्यसभा सचिवालय को नोटिस जारी किया जिस पर 30 अक्टूबर को सुनवाई होगी। राघव चड्ढा ने अपनी याचिका में राज्यसभा सचिवालय के अलावा सदन के अध्यक्ष और विशेषाधिकार समिति को भी पक्षकार बनाया है। राज्यसभा ने 11 अगस्त को सदन के नेता पीयूष गोयल के पेश प्रस्ताव को पास किया था जिसमें उच्च सदन के कुछ सदस्यों के नाम उनकी सहमति के बिना शामिल करने के लिए आप नेता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी।
राघव चड्ढा को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, उद्दंड रवैया और अवमाननापूर्ण आचरण के लिए मानसून सत्र के आखिरी दिन निलंबित कर दिया गया था।