अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने टॉप भारतीय अमेरिकी वैज्ञानिक डॉ. सुब्रा सुरेश को देश का प्रतिष्ठित ‘नेशनल मेडल ऑफ साइंस’ प्रदान किया। इसके अलावा अशोक गाडगिल को नेशनल मेडल ऑफ टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन से सम्मानित किया गया।
नेशनल साइंस फाउंडेशन के पूर्व प्रमुख डॉ. सुरेश ब्राउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में प्रोफेसर हैं। बाइडन ने डॉ. सुरेश को इंजीनियरिंग, भौतिक विज्ञान और जीवन विज्ञान में रिसर्च और विशेष रूप से सामग्री विज्ञान के अध्ययन और दूसरे विषयों में इसके उपयोग को आगे बढ़ाने के लिए पुरस्कार प्रदान किया।
व्हाइट हाउस की ओर से बताया गया ” राष्ट्रपति अमेरिकियों को राष्ट्रीय विज्ञान पदक और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी और इनोवेशन मेडल से सम्मानित कर रहे हैं जिन्होंने हमारे देश की भलाई को के लिए विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार में अनुकरणीय उपलब्धियां हासिल की हैं।”
नेशनल मेडल ऑफ साइंस देश का सर्वोच्च वैज्ञानिक सम्मान है जिसे साल 1959 में अमेरिकी कांग्रेस द्वारा स्थापित किया गया था और यूएस नेशनल साइंस फाउंडेशन द्वारा प्रशासित किया गया था।
नेशनल साइंस एंड टेक्नोलॉजी मेडल्स फाउंडेशन की घोषणा में अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार रिसर्च और सहयोग के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का उल्लेख किया गया है जिसने ये साबित किया है कि विज्ञान लोगों और राष्ट्रों के बीच समझ और सहयोग कैसे बना सकता है।
ब्राउन यूनिवर्सिटी के एक बयान के अनुसार सुरेश ने कहा, “ये बहुत संतोषजनक है।” उन्होंने कहा कि उन्हें ये सम्मान मिलने पर विशेष गर्व है जैसा कि ये पदक दर्शाता है।
1956 में भारत में जन्मे सुरेश ने 15 साल की उम्र में हाई स्कूल से स्नातक की उपाधि प्राप्त की और 25 साल की उम्र तक अपनी स्नातक डिग्री, मास्टर डिग्री और पीएचडी हासिल कर ली थी। ये सारी डिग्रियां उन्होंने मात्र दो साल में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में प्राप्त की थीं।