प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को केंद्र के ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत राजस्थान भर में 25 स्थानों पर तलाशी ली। कांग्रेस शासित राज्य में सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अलावा मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के परिसरों सहित जयपुर और दौसा में छापे मारे जा रहे हैं।
इस मामले से जुड़े होने के संदेह में कुछ इंजीनियरों, ठेकेदारों और राज्य सरकार के पूर्व अधिकारियों के परिसरों को भी कवर किया जा रहा है। यह तलाशी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की जा रही है। 1 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने राजस्थान के कई शहरों में भी इसी तरह की छापेमारी की थी।
ईडी का मनी लॉन्ड्रिंग मामला राजस्थान पुलिस द्वारा पहले दर्ज की गई प्रथम सूचना रिपोर्ट पर आधारित है। भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने इस साल जून में राजस्थान में केंद्र सरकार के ‘जल जीवन मिशन’ के कार्यान्वयन में 20 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था।
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने आरोप लगाया था कि योजना की 48 परियोजनाओं में फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर दो फर्मों को 900 करोड़ रुपये के टेंडर जारी किए गए थे।
‘जल जीवन मिशन’ का उद्देश्य घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध कराना है और इसे राजस्थान सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
इस बीच पिछले महीने ईडी ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के राजधानी जयपुर और सीकर स्थित आवासों पर भी छापेमारी की थी। इसके अलावा राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को भी विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था। इस कदम की सत्तारूढ़ कांग्रेस ने आलोचना की जिसने केंद्र सरकार की ‘समय’, ‘उद्देश्य’ और ‘इरादे’ पर सवाल उठाया।
राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों के लिए मतदान 25 नवंबर को होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी।