विश्व में प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस ( World Mental Health Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है।
‘’मानसिक स्वास्थ्य दिवस’’ पहली बार 1992 में विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन की पहल पर मनाया गया था। विश्व में 150 से अधिक देश विश्व मानसिक स्वास्थ्य संगठन के सदस्य है। मानसिक स्वास्थ्य दिवस की पहली थीम “दुनिया भर में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार” थी। विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को ‘’World Health Organization’’ द्वारा समर्थित किया जाता है, जो दुनिया भर में स्वास्थ्य मंत्रालयों और नागरिक समाज संगठनों के साथ अपने मजबूत संबंधों का उपयोग करके मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाता है।
मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक-
-स्ट्रेस या तनाव
व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करने का मुख्य कारण स्ट्रेस या तनाव है। आज के समय में युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोग स्ट्रेस या तनाव से जूझ रहे है। ‘’हेल्थ एक्सपर्ट’’ के अनुसार सभी लोगों के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य की ही तरह से मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी है। दोनों स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, यानी अगर आप स्ट्रेस-एंग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याओं के शिकार हैं, तो इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाले हो सकते हैं।
-प्रदुषण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते है कि प्रदूषण लोगों को मनोरोगी बना रहा है। इससे शरीर में विटामिन की कमी होने लगती है। साथ ही हार्मोन्स में बदलाव आता है। जो धीरे-धीरे व्यक्ति के व्यवहार में बदलाव लाकर उसमें तनाव, चिंता जैसे लक्षणों को बढ़ाता है जो आगे चलकर रोग के बड़े कारण बनते हैं। अस्पतालों के मनोरोग विभाग में आने वाले अधिकतर मरीजों में समस्या के लिए प्रदूषण एक बड़ा कारण है। इसे लेकर शोध भी हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपने गाइडलाइन में प्रदूषण को एक बड़ा कारण बताया है।
-मोबाइल फोन
मोबाइल फोन की लत मानसिक स्वास्थ्य की बढ़ती समस्याओं का कारण हो सकती है। अध्ययनों से पता चलता है कि लोगों में इसके बढ़ते उपयोग के कारण कॉग्नेटिव इमोशन रेगुलेशन, निर्णय लेने की क्षमता, चिंता-तनाव और कई तरह की अन्य मनोवैज्ञानिक समस्याओं का जोखिम बढ़ता जा रहा है। कुछ शोध इस तरफ भी संकेत करते हैं कि जिन लोगों में सेल फोन की लत है उनमें अन्य लोगों की तुलना में डिप्रेशन होने का खतरा भी अधिक होता है।
-फूड्स
हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो चाय या कॉफी का अधिक सेवन मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता हैं। कॉफी में कैफीन पाया जाता है जिसे पीने से एंड्रेलाइन होता है, जो मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट युक्त फूड का ज्यादा सेवन करने से हार्ट, डायबिटीज और मोटापे के अलावा मानसिक बीमारियों के होने का भी खतरा हो सकता है। फास्ट फूड का ज्यादा सेवन मानसिक स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मीठी चीजें जैसे शुगर कैंडी, जैम, केचप, ड्रेसिंग और सॉस आदि का ज्यादा सेवन भी स्ट्रेस को बढ़ा सकता है।
कोविड काल के बाद मानसिक स्वास्थ्य पर असर अधिक देखने को मिला। वर्तमान जीवनशैली में दबाव, चिंता और किसी तरह की परेशानी के कारण लोग मानसिक बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। मानसिक विकार शरीर पर प्रभाव डालने के साथ ही व्यक्ति के मन में आत्महत्या तक के ख्याल आने का कारण बन जाते हैं। इन्हीं मानसिक विकारों के प्रति लोगों के बीच जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के उपाय
-रोजाना 15 मिनट धूप लेने से मानसिक स्वास्थ्य को लाभ मिलता है। सूरज की रोशनी में विटामिन डी की मात्रा प्रचुर होती है, ये बॉडी में सर्काडियन रिदम को इम्प्रूव कर देता है, ये चीजें मानसिक स्वास्थ्य में सुधार लेकर आने के लिए बहुत ही ज्यादा आवश्यक होती है।
-मेन्टल हेल्थ को बेहतर बनाने कि बात आती है तो मेडिटेशन काफी ज्यादा मदद कर सकता है, मेडिटेशन करने से माइंड कंट्रोल में रहता है, वहीं दिमाग भी चिंता से मुक्त हो जाता है, मेन्टल हेल्थ को स्वस्थ बनाए रखने के लिए रोजाना 15 मिनट तक मेडिटेशन जरूर करना चाहिए।
-एक्सरसाइज करने से स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं दूर होती जाती हैं। एंडोर्फिन और सेरोटोनिन का उत्पादन मूड को फ्रेश रखने में बहुत ही ज्यादा मददगार होता है। वहीं एक्सरसाइज करने से नींद बेहतर आती है और दिमाग की सेहत को भी बहुत ही ज्यादा आराम मिलता है।
-आजकल फ़ोन और सोशल मीडिया में ज्यादातर समय व्यतीत करना लोगं की आदत बन गई है। ऐसे में लोगों को कोशिश करना चाहिए कि सोशल मीडिया पर ज्यादा समय व्यतीत न करके अपना कुछ समय परिवार और दोस्तों के साथ भी व्यतीत करें।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस की थीम
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के लिए प्रति वर्ष एक अलग थीम निर्धारित की जाती है। इस बार की थीम है- “मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट (Mental health is a universal human right)”