Lok Sabha Election Result 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आना शुरु हो गए हैं। शुरूआती रूझान में उत्तर प्रदेश में भाजपा गठबंधन ने जितनी सीटों की उम्मीद की थी, उन्हें उम्मीद के मुताबिक उतनी सीट अभी नहीं प्राप्त हुई है। जैसे-जैसे वोटों की गिनती शुरू हुई वैसे- वैसे भाजपा की सीटें उत्तर प्रदेश से कम होती जा रही हैं। जिस प्रदेश से NDA को सबसे ज्यादा उम्मीद थी, वहां उसके सीटों में कमी आई है। भाजपा यूपी से सीटें बढ़ाने के कयास लगा रही थी, लेकिन यहां तो कुछ अलग ही हुआ। आइए जानते हैं कि वो कौन सी वजह रही, जिस कारण से यूपी में BJP का खेल बिगड़ गया…
कैंडिडेट का गलत चुनाव
जिस तरह से भाजपा ने प्रत्याशियों का चयन किया था। उससे स्थानीय लोगों में काफी गुस्सा था। इसलिए बहुत सारे मतदाता जो भाजपा को वोट देते आ रहे थे, उन्होंने घर से निकलना ठीक नहीं समझा। नतीजा भाजपा को मिलने वाले मत प्रतिशत में भारी गिरावट दर्ज की गई। 2019 में जहां भाजपा को तकरीबन 50 फीसदी मत मिले थे। वहीं इस बार 42 फीसदी वोट मिलता नजर आ रहा है। यानी कि मतप्रतिशत में लगभग 8 फीसदी की गिरावट आई है।
इस बार अखिलेश यादव ने काफी सतर्क रहते हुए जातिगत समीकरणों को देखते हुए प्रत्याशी उतारे। यही वजह है कि उनके कैंडिडेट जमीन पर भाजपा को टक्कर देते नजर आए हैं। मेरठ, घोसी, मिर्जापुर जैसी सीटें इसका उदाहरण हैं। जहां अखिलेश ने सूझबूझ से एनडीए के प्रत्याशियों को फंसा दिया।
मंहगाई भी रहा मुद्दा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जैसे ही 400 पार का नारा दिया था, लेकिन वह अभी वहां पहुंचते हुए नहीं दिख रहे। दावा किया जा रहा था कि भाजपा इतनी ज्यादा सीटें इसलिए चाहती है ताकि वह संविधान बदल सके और आरक्षण खत्म कर सके। दलितों और ओबीसी के बीच यह बातें काफी तेजी से फैली और नतीजा वोटों के रूप में सामने आया। वोटर के मन में मंहगाई और बेरोज़गारी को लेकर हताशा है। तैयारी कर रहे युवाओं में भी बेचैनी है। गांवों में छुट्टे जानवर भी सबसे बड़ा मुद्दा हैं।