Nag Panchami 2024: हिंदू धर्म में श्रावन का महीना पवित्र माना जाता है। इस माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल 9 अगस्त को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा। यह पर्व देश के अगल-अलग राज्य राजस्थान, ओडिशा, बिहार और बंगाल में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है।
दरअसल, इस पर्व पर नागों को दूध पिलाया जाता है। सपेरे नागों को टोकरी में लेकर घूमते हैं और घर-घर जाते हैं। लोग उन्हें श्रद्धा से दूध पिलाते हैं। नाग देवता को नागपंचमी के दिन दूध पिलाने के पीछे एक पौराणिक कथा और कई मान्यताएं बताई जाती हैं।
पुराणों में कहा गया, दूध पिलाने से मिलता है आशीर्वाद
पुराणों के अनुसार नागपंचमी के दिन सांप को दूध पिलाने से सर्पदंश का भय दूर होता है और सर्प देवता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस संबंध में भविष्य पुराण में एक कथा है। कथा इस प्रकार है, एक बार पांडवों के वंशज राजा जनमेजय ने नाग यज्ञ किया। इस यज्ञ में नागों की अनेक प्रजातियां भस्म हो गईं। तक्षक नाग ने बचने के लिए देवराज इंद्र के आसन को भी लपेट लिया, जिससे देवराज इंद्र भी आसन समेत यज्ञ की अग्नि में भस्म होने वाले थे। इसी समय यज्ञ को बीच में ही रोक देना पड़ा। इससे नागों की प्रजाति पूरी तरह से भस्म होने से बच गई।
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इस यज्ञ के बाद नागों के जख्मों को सही करने के लिए उन पर दूध चढ़ाया गया, तब कहीं जाकर नागों के प्राण बच सके और उनके जख्म ठंडे हुए। उसी समय से ये यह मान्यता चली आ रही है कि नागपंचमी के दिन जो भी सांपों को दूध और लावा अर्पित करेगा उसे सर्पदंश का भय नहीं रहेगा।
सांपों को दूध पिलाना सेहत के लिए हानिकारक- विज्ञान
विज्ञान के अनुसार, सांप को दूध पिलाना उसकी सेहत के प्रतिकूल माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, सांपों के ऐसी ग्रंथियां ही नहीं होतीं कि वे दूध पी सकें। सांप का भोजन दूध नहीं, बल्कि कीड़े-मकोड़े हैं। सांपों का पाचन तंत्र भी उन्हीं को खाने के लिए बना हे। दूध पीने से सांप की जान भी जा सकती है। इसलिए सांपों को दूध कभी नहीं पिलाना चाहिए।