22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां चरम पर है। इसी बीच राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने शनिवार को कहा कि अयोध्या में “राम राज्य” आ रहा है क्योंकि रामलला राम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होंगे। आचार्य दास ने कहा कि “हमें उम्मीद थी कि मंदिर बनेगा लेकिन इतना विशाल मंदिर बनेगा, इसकी हमने कभी उम्मीद या कल्पना नहीं की थी। मंदिर सुंदर है। हम भगवान राम का मंदिर देखकर बहुत खुश हैं। राम राज्य अब आ रहा है क्योंकि रामलला को अयोध्या में राम मंदिर के गर्भगृह में बैठाया जाएगा।
आचार्य दास ने उन दिनों को याद किया जब विवादित भूमि पर रामलला की मूर्ति प्रकट हुई थी और कहा कि 23 दिसंबर, 1949 को विवादित भूमि पर रामलला की मूर्ति प्रकट हुई थी, जिसके बाद कोर्ट के आदेश पर लोगों ने पूजा करना शुरू कर दिया। एक मार्च को 1992 में, मैं रामलला का पुजारी बना, इससे पहले भी कई घटनाएं हुईं जैसे कारसेवकों पर हमला हुआ और अन्य घटनाएं हुईं। ऐसी घटनाओं के बाद और जब बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया, तो हम 6 दिसंबर 1992 को रामलला को एक तंबू में ले गए। आज मुझे खुशी है कि राम मंदिर बन रहा है।
आचार्य दास ने कहा कि “राम राज्य” शब्द का प्रयोग एक ऐसे आदर्श शासन के लिए किया जाता है जहां हर कोई खुश हो।अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले यानी 16 जनवरी को शुरू होंगे। वाराणसी के पुजारी, लक्ष्मी कांत दीक्षित, 22 जनवरी को रामलला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे। साथ ही 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अयोध्या में अमृत महोत्सव मनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना में शामिल होने के लिए तैयार हैं। 1008 हुंडी महायज्ञ का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों श्रद्धालुओं को भोजन कराया जाएगा। हजारों भक्तों को समायोजित करने के लिए अयोध्या में कई टेन्ट हाॅउस बनाए जा रहे हैं। श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के मुताबिक तकरीबन 10,000-15,000 लोगों के लिए व्यवस्था की जा रही है।