राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने मंगलवार को अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राज्य पार्टी अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, घोषणापत्र समिति के अध्यक्ष सीपी जोशी और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने ‘जनघोषणा पत्र’ जारी किया।
कांग्रेस ने राजस्थान चुनाव घोषणापत्र में राज्य में सत्ता में लौटने पर पंचायत स्तर पर भर्ती और जाति जनगणना के लिए एक नई योजना का वादा किया।
मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा जिस तरह से हमने राजस्थान की वित्तीय स्थिति को संभाला है राजस्थान के लोगों को इस पर गर्व महसूस होगा। राजस्थान में प्रति व्यक्ति आय 46.48 प्रतिशत बढ़ गई है। 2030 तक यह हमारा सपना है प्रति व्यक्ति आय में नंबर एक स्थान हासिल करें। 2020-21 में राज्य सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 19.50 तक पहुंच गया जो दशक में सबसे ज्यादा है। यदि कांग्रेस फिर से चुनी जाती है तो गहलोत पहले ही राजस्थान के लोगों को सात “गारंटियों” या वादों की घोषणा कर चुके हैं।
सात “गारंटी”
1. गृह लक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिला मुखिया को ₹ 10,000 का वार्षिक मानदेय की गारंटी ।
2. 1.05 करोड़ परिवारों को ₹ 500 में एलपीजी सिलेंडर ।
3. गौधन गारंटी के तहत पशुपालकों से ₹ 2 प्रति किलो गोबर की खरीदी।
4. सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना का कानून।
5. सरकारी कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले छात्रों को लैपटॉप या टैबलेट।
6. प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रति परिवार 15 लाख रुपये तक का बीमा कवर और अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा।
7. चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये किया जाएगा।
भारतीय जनता पार्टी अपना घोषणापत्र पहले ही जारी कर चुकी है। घोषणापत्र जारी होने पर खड़गे ने कहा हम जो वादे करते हैं उसे पूरा करते हैं। अगर कोई पार्टी घोषणापत्र में कही गई बातों का 90 फीसदी काम करती है तो यह राजस्थान और कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ी उपलब्धि है।
राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। 2013 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 163 सीटें जीती थीं और राजस्थान में सरकार बनाई थी।
2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 99 सीटें जीतीं जबकि भाजपा ने 200 सदस्यीय सदन में 73 सीटें जीतीं। आखिरकार बसपा विधायकों और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से गहलोत ने सीएम पद की शपथ ली।