बिहार के आनंद मोहन 15 साल के बाद रिहा हो गए. आनंद मोहन सांसद भी रहे हैं और बिहार के बाहुबली नेताओं में उनकी गिनती रही है. आनंद मोहन की रिहाई के बाद बिहार सरकार की हर तरफ से आलोचना हो रही है.
आपको बता दे कि बिहार के बाहुबली नेता आनंद मोहन को गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी जी कृष्णैया की हत्या में उम्रकैद की सजा हुई थी. जी कृष्णैया 1985 बैच के आईएएस अफसर थे और तेलंगाना के महबूबनगर के रहने वाले थे. इस मामले में पहले निचली अदालत ने 2007 में इन्हें मौत की सजा सुनाई थी जिसे एक साल बाद 2008 में पटना हाईकोर्ट ने उम्रकैद में बदल दिया था.
आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद भी सांसद रह चुकी हैं और इनके बेटे चेतन आनंद बिहार के शिवहर से आरजेडी से विधायक हैं. आनंद मोहन की रिहाई के बाद आरजेडी सहित बिहार सरकार के ऊपर काफी सवाल उठ रहे हैं. आनंद मोहन की रिहाई के लिए बिहार सरकार ने जेल नियमावली में भी बदलाव कर दिया था.
आनंद मोहन अपने बेटे की सगाई के लिए कुछ दिन ही पहले 15 दिन की पैरोल पर आए थे, पैरोल की अवधि पूरी होने के बाद 26 अप्रैल को वो सहरसा जेल वापस लौटे थे.