INDIA alliance vs BJP: भारत का चुनाव आयोग लोकसभा इलेक्शन 2024 के लिए 16 मार्च को चुनावी तारीखों का ऐलान करने जा रहा है। इसके साथ ही पूरे देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। लोकसभा चुनाव के तहत अभी भी कई राज्यों में विपक्षी पार्टियों का सीधा मुकाबला भाजपा से ही है।
भाजपा बनाम ‘इंडिया’
सत्तारूढ़ भाजपा विपक्ष के इंडिया गठबंधन से अकेले मुकाबला करने जा रही है। इसके बावजूद मोदी लहर के सामने ये गठबंधन फीका ही पड़ता दिख रहा है। ओपिनियन पोल भाजपा की लीडरशिप वाले एनडीए को सीधे तौर पर चुनाव में बढ़त दिखा रहे हैं।
देश के सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों वाले सूबे उत्तर प्रदेश में तो एनडीए के 74 सीटों पर जीतने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। हालांकि भाजपा का मानना है कि वह 80 सीटों पर विजयी पताका फहराकर विपक्ष को क्लीन स्वीप कर देगी।
कई जगहों पर होगा सीधा मुकाबला
यूपी में अलावा देश में ऐसी कई सीटें हैं जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में इस मोर्चे पर बुरी तरह से मात खाई है। ऐसे में कांग्रेस इस बार भाजपा की हैट्रिक को रोकने के लिए बीजेपी से सीधे मुकाबले वाले सीटों पर टकराव से बचने की कोशिश करना चाहेगी।
यूपी में अलावा देश में ऐसी कई सीटें हैं जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है। कांग्रेस ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में इस मोर्चे पर बुरी तरह से मात खाई है। ऐसे में कांग्रेस इस बार भाजपा की हैट्रिक को रोकने के लिए बीजेपी से सीधे मुकाबले वाले सीटों पर टकराव से बचने की कोशिश करना चाहेगी।
सीधे मुकाबले पर भाजपा को मिलता है फायदा
विपक्षी दलों को डर है कि भाजपा को सीधी सीटों पर ध्रुवीकरण का भरपूर फायदा मिलता है। इसलिए सत्तापक्ष मुकाबले में दो ध्रुवीय करना चाहता है तो विपक्ष भी मुस्लिम तुष्टिकरण से दूर रहकर भाजपा को मजबूत नहीं करने की रणनीति अपनाने की ओर है। इसलिए मुद्दे ऐसे उठाए जा रहे हैं जो सीधे जनता से जुड़े हैं। अगर भाजपा और पीएम मोदी की गारंटी की बात कर रहे हैं तो विपक्ष इसके बदले अपनी गारंटी की बात करता है।
रोचक हो सकती है टक्कर
यूपी में इंडिया गठबंधन के तहत सपा और कांग्रेस भाजपा के खिलाफ खड़े हैं। बसपा अकेले दम पर चुनाव लड़ेगी। इसके बावजूद कई जगह ऐसी हैं जहां भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला है। इसमें राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्य तो शामिल हैं ही, साथ ही असम, मध्य प्रदेश में कांग्रेस अपने लिए संभावना देख रही है।
गुजरात में कांग्रेस और आप का गठबंधन क्या गुल खिलाएगा ये देखना होगा। दिल्ली में और भी कड़ा मुकाबला हो सकता है। भाजपा ने यहां मनोज तिवारी को छोड़कर बाकी सबको बदल दिया है। कांग्रेस यहां पर आप के साथ मिलकर भाजपा को रोकने के प्रयास में हैं।